स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के सरकारी चालक यौन शोषण के आरोप में फसे , कई बार कर चुके है दुष्कर्म , पुलिस से नहीं बल्कि कोर्ट से न्याय की आस …

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जमशेदपुर :- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अपने निजी चालक की वजह से चर्चा में आए है।  मूल रूप से बिहार के जमुई और वर्तमान में मानगो के परमानंद नगर निवासी प्रद्युत सिंह उर्फ मुन्ना सिंह पर एक महिला ने यौन शोषण और दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए न्यायालय में शिकायतवाद दर्ज कराई है।  महिला के अधिवक्ता शिव शंकर प्रसाद के अनुसार महिला अनुसूचित जाति से आती है।  महिला की दो बेटियां है और उसने अपनी जाति घासी बताकर केस किया है।  महिला साल 2012 में उस वक्त आरोपी के संपर्क में आई जब वह अपनी पति के खिलाफ न्यायालय में तलाक के लिए केस लड़ रही थी।  इस बीच प्रद्युत सिंह उसके संपर्क में आया और कदमा के त्रिशूल टावर में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया।  उसने महिला की अश्लील वीडियो भी बनाई।  बाद में वह वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म करता रहा।  ये जानकारी महिला के फुफेरे भाई जो उन्हे पता चली , जो टीएमएच में डॉक्टर थे।  यह बात पता चलने के बाद उसने महिला को खूब फटकार लगाई।  महिला ने कहा कि वह प्रद्युत से शादी कर लेगी।  इस बीच प्रद्युत उसे पुरी, उज्जैन, देवघर और रांची समेत कई जगह घूमने लेकर गया और दुष्कर्म किया।  प्रद्युत उसे रांची स्थित मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास भी लेकर गया, जहां उसने मंत्री के आवास की देखभाल करने वाले गुणाधर और बुचा नाम के व्यक्ति को उसे अपनी पत्नी बताकर ले जाता था और उसके साथ दुष्कर्म करता था।  वह गुणाधर को कहकर मंत्री के घर की सीसीटीवी भी बंद करवा देता था ताकि कोई उसे अंदर ले जाते न देख सके।  बीच में नौकरी छूटने के बाद महिला ने अपने फुफेरे भाई को गारंटर बनवाकर प्रद्युत को जेसीबी के लिए लोन दिलवाया।  साल 2020 में जब उसने प्रद्युत को शादी का दबाव बनाया तो प्रद्युत ने पति के साथ तलाक के बाद शादी करने की बात कही।  इसी बीच भाई की कोरोना से मौत हो गई।  जनवरी 2021 में पति के साथ तलाक होने के बाद अब प्रद्युत शादी से इंकार कर रहा है और जान से मारने की धमकी भी दे रहा है।  मार्च में उसने मारपीट भी की थी जिसकी शिकायत वरीय पुलिस अधीक्षक से की गई थी पर फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।  अब महिला को डर है कि प्रद्युत उसे जान से मार देगा।  महिला ने एसएसपी, डीआईजी, आईजी, डीजीपी, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, महिला आयोग और अन्य अधिकारियों को पत्र लिख न्याय की गुहार लगाई है।  महिला ने यह भी बताया है कि जमशेदपुर प्रशासन से गुहार लगायी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई जिस कारण वह कोर्ट गयी और कोर्ट ने इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया।

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