कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार का खर्च वहन करेगी सरकार
राँची :- कोरोना संक्रमण से राज्य का हर वर्ग परेशान है. अस्पताल से लेकर श्मशान तक भगदड़ की स्थिति है. ऐसे में राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि श्मशान घाट औऱ कब्रिस्तान में कोरोना संक्रमितों के संस्कार पर लोगों को पैसा खर्च नहीं करना पड़े. खासकर लकड़ी के लिये एक भी रुपया ना लगे. इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन ने सोमवार को घोषणा की. टाटा की ओर से डीएवी स्कूल, घाटोटांड़, मांडू (रामगढ़) में 80 ऑक्सीजन युक्त बेडेड के ऑनलाइन उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जैसे जैसे समस्याओं की पहचान हो रही है, सरकार उस पर काम कर रही है. वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी लाने को सरकार लगातार पहल कर रही. अगर कोई कंपनी राज्य में वैक्सीन प्लांट लगाने को इच्छुक होगी तो सरकार उसकी मदद करेगी. जमीन मुहैया करायेगी.
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, सांसद (हजारीबाग) जयंत सिन्हा, मांडू विधायक जेपी पटेल सहित प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) अरूण कुमार सिंह, रामगढ़ जिला प्रशासन और टाटा कंपनी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. हेमंत सोरेन ने घाटोटांड़ में टाटा की मदद से ऑक्सीजन युक्त बेड की पहल के लिये उसे धन्यवाद दिया. कहा कि पूर्व में भी सांसदों, जनप्रतिनिधियों ने व्यावसायिक और राज्य के बड़े संस्थानों की मदद कोरोना काल में लिये जाने का प्रस्ताव दिया था. इस दिशा में लगातार काम हो रहा. टाटा के अलावा बोकारो स्टील और अन्य से भी कहा गया है. रामगढ़ में टाटा, सीसीएल और अन्य के द्वारा औद्योगिक गतिविधियां चलायी जा रही. खनन कार्य भी हो रहे. सरकार की पहल के बाद टाटा कंपनी ने आगे बढ़कर पहल की है. रामगढ़ में अब 30 बेड से 450 बेड तक ऑक्सीजन बेड की सुविधा हो चुकी है. इस जिले में अब योजनाबद्ध तरीके से बेहतर काम हो रहा.
सीएम के मुताबिक वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की लगातार पहल हो रही है. जिला से लेकर पंचायत स्तर व्यापक कार्ययोजना तैयार किये जाने की तैयारी है. भविष्य में सरकार आगे और भी बेहतर काम करेंगी. किसी को पता नहीं था कि ऐसी महामारी आयेगी. अब सभी जनप्रतिनिधि दलीय भावना से ऊपर उठकर संक्रमण से उबरने में मदद कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि अब धीरे धीरे अफरातफरी से राज्य बाहर आ रहा है. व्यवस्था कंट्रोल में आ रही. अब विशेष चिंता ग्रामीण क्षेत्रों पर है. यहां के ग्रामीण संकोची स्वभाव के हैं. उनमें वैक्सीन को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां, अफवाह है. राज्य में शुरूआती दौर में मात्र 29-30 हजार लोगों ने ही वैक्सीनेशन के लिये रजिस्ट्रेशन कराया था. पर अब उत्साह और तेजी है. सभी जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधियों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाने को कहा गया है ताकि ग्रामीणों में जागरूकता बढ़े.
संक्रमितों को लाभ दिलाने की कोशिश
राज्य सरकार कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के लिये पहल कर रही है. संक्रमितों के परिजनों को आर्थिक लाभ देने का विचार है. जान गंवाने वाले कोरोना संक्रमित के परिजनों को अंत्येष्टि के लिये लकड़ी हेतु एक भी रुपया नहीं लगेगा. कब्रगाह में जेसीबी रहेगा जो जल्दी से खुदाई करेगा. इसके बाद संक्रमित को निःशुल्क दफनाया जायेगा. अलग अलग जिलों में 5 लाख कोविड किट वितरण करने की योजना है. इसके लिये जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है. आंगनबाड़ी तक ऑक्सीमीटर देने की तैयारी है. गांवों में संक्रमित लोगों की पहचान की जायेगी. टेस्ट के आधार पर होम आइसोलेशन या अन्य व्यवस्था की जायेगी. केंद्र से आरटीपीसीआर किट के लिये 45 लाख कीट की डिमांड की गयी है.
ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए वैक्सीनेशन कराना है. हर ब्लॉक में 2-2 एंबूलेंस तैनात किया जा रहा है. ये सभी एंबूलेंस ऑक्सीजन युक्त होंगे. जिलों में ऑक्सीजन बैंक की भी तैयारी है जिससे ऑक्सीजन संकट दूर होगा. कोरोना संक्रमण के बीच हर दिन नयी समस्या आ रही जिस पर उसी अनुसार उचित निर्णय के साथ सरकार आगे बढ़ रही. अब राज्य में ब्लैक फंगस की समस्या आयी है. खासकर उनकी जिनकी इम्यूनिटी कम है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों के साथ साथ जिला प्रशासन भी सजग रहे.