फर्जीवाड़ा:- जमशेपुर में साज निधि बैंक के नाम पर करोड़ों रुपए लेकर निर्देशक जियाउर्रहमान लापता, थाने में मामला दर्ज…

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जमशेदपुर:- जमशेदपुर के मानगो के ज़ाकिर नगर में एक पेश इमाम जियाउर्रहमान ने एक नॉन बैंकिंग कंपनी के नाम पर कई लोगो से फर्जीवाड़ा कर अपना दफ्तर बंद कर गायब हैं. यह पेश इमाम पहले मानगो के एक मस्जिद में पेश इमामत करते थे इसके चलते लोग इस पर भरोसा करने लगे और फिर इन्होंने साज निधि बैंकिंग कंपनी खोली और सैकड़ों लोगों का पैसा इसमें जमा कराया। मानगो की रहने वाली डॉक्टर रीना आजमी ने भी इस नान बैंकिंग कंपनी से गोल्ड लोन लिया था। इसके लिए उन्होंने अपने सोने के जेवर का सेट कंपनी में जमा किया था उन्होंने लोन लिया लोन की किस्त जमा की और इसके बाद फिर उन्होंने थोड़ा और लोन लिया वह अपना गोल्ड का सेट वापस लेने गईं तो उनसे कंपनी के निदेशक पेश इमाम के कर्मचारियों ने कहा कि उनके लोन की रकम कम है। उनका सेट उससे ज्यादा कीमती है इसलिए सेट वापस कर दीजिए तो कंपनी के लोगों ने उन्हें यह कहकर बरगला दिया कि आपका सोने का सेट यहां हिफाजत से रखा हुआ है बाद में ले लीजिएगा अब कंपनी में ताला लगे होने से लोगों को ठगी की आशंका है.

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डॉ रीना आजमी बताती हैं कि उन्होंने जो लोन लिया था उसकी भी किस्त लगभग जमा हो चुकी है। मुख्तार नाम का एजेंट उनसे किस्त लेने आया करता था. कंपनी के चार एजेंट लोगों के पास जाकर पैसे जमा करते थे. लोन की आखिरी किस्त देने के लिए जब डॉक्टर रीना आजमी ने मुख्तार को फोन किया और पूछा कि वह किस्त लेने क्यों नहीं आए तो मुख्तार ने जवाब दिया कि कंपनी में कई दिन से ताला लटका हुआ है. तो वह लोन की किस्त लाकर क्या करेंगे इसीलिए नहीं आए इसके बाद डॉक्टर रीना आजमी कंपनी के कार्यालय गईं तो देखा कार्यालय बंद है. आसपास के लोगों ने बताया कि कई दिनों से इस पर ताला लगा हुआ है कंपनी के निदेशकों के घर पर भी ताला लटका हुआ है.

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पेश इमाम के चक्कर में आ गए लोग

डॉक्टर रीना आज़मी का कहना है कि कई लोग इस ठगी का शिकार हुए हैं. उन्होंने बताया कि लोग पेश इमाम के चक्कर में आ गए. इसीलिए उसके पास यह रुपया जमा किया। लोगों ने पता लगाया तो पता चला कि इस कंपनी के दो डायरेक्टर हैं. पेश इमाम के अलावा इसका एक अन्य निदेशक भी है. जबकि, एक महिला और एक अन्य व्यक्ति अतिरिक्त निदेशक हैं क्षेत्र के लोग परेशान हैं लोगों का कहना है कि यह लोग कई दिनों से नजर नहीं आ रहे हैं इसका मतलब है कि यह लोग कंपनी बंद कर गायब हो गए हैं एजेंट मोहम्मद मुख्तार ने लोगों को बताया कि पता नहीं है कि आखिर यह लोग कहां गए। कार्यालय बिना सूचना के बंद है.

थाने में मामला दर्ज

कंपनी के निदेशक जियाउर्रहमान के गायब होने के बाद आजाद नगर थाने में मामला दर्ज कराया गया है जिसमें धारा 406,420,467 और 468 के तहत मामला दर्ज किया गया है।  लोक आलोक न्यूज से बातचीत के दौरान कलेक्शन एजेंट मुख्तार आलम ने बताया कि साज निधि बैंक के नाम पर कुल चार लोग कलेक्शन का काम करते थे जिन्हे तीन हजार रुपए महीना और पचास पैसे प्रति सौ के हिसाब से कमीशन मिलता था। जानकारी के मुताबिक बैंक तकरीबन 4 साल से चलाया जा रहा था। और प्रतिदिन एक एजेंट लगभग बारह से पंद्रह हजार का कलेक्शन करते थे।  बता दें कि बढ़ते ग्राहक को देखते हुए साकची में भी नए ब्रांच खोले जाने की तैयारी थी। एजेंट बताते है कि मानगो समेत साकची और बिस्टूपुर से भी अच्छे संख्या में ग्राहक जुड़े हुए थे। खास तौर पर मुस्लिम इलाके के लोगो को ही जाल में फसाया जाता था। कलेक्शन एजेंट के रूप में मुख्तार आलम, हसीम खान, विलायत हुसैन और अली अंसारी काम करते थे। इनके अलावे भी कई लोग जुड़े थे जो की बैंक के स्टॉफ के रूप में काम करते थे। बताया जाता है कि कुल कम से कम लगभग 15-20 स्टाफ जुड़े थे जो की साज निधि बैंक के लिए काम करते थे। लेकिन जियाउर्रहमान के फरार होने के बाद खबर लिखे जाने तक कोई भी स्टाफ सामने नहीं आए है। सिर्फ कलेक्शन एजेंट के द्वारा अपने बचाव के लिए थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई की गई है। जानकारी के मुताबिक निर्देशक के द्वारा करोड़ो रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है।

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