पहली बार प्रधानमंत्री के समर्थन में बोले लेखक अमीश कहा:” मोदी बदलते ‘वर्ल्ड ऑर्डर’ में भारत को बढ़त दिलाएंगे”…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- लेखक और पूर्व कूटनीतिज्ञ अमीश ने पहली बार लोकसभा चुनाव में खुलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि सही नेतृत्व मिलना जरूरी है अगर भारत को बदलते वर्ल्ड ऑर्डर का लाभ लेना है। उन्होंने कहा हम सब ऐसे अहम दौर में जी रहे हैं जहां बहुत सारी चीजों को फिर से लिखा और रचा जा रहा है और अधिकांश चीजों में भारत को अपना योगदान देना होगा।
लेखक और पूर्व कूटनीतिज्ञ अमीश ने पहली बार लोकसभा चुनाव में खुलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि सही नेतृत्व मिलना जरूरी है, अगर भारत को बदलते वर्ल्ड ऑर्डर का लाभ लेना है।
अपने हालिया वृत्तचित्र ‘रामजन्मभूमि टेम्पल: द रिटर्न ऑफ ए स्प्लेंडिड सन’ की सफलता के संबंध में दिए एक साक्षात्कार में अमीश ने कहा कि हम सब ऐसे अहम दौर में जी रहे हैं जहां बहुत सारी चीजों को फिर से लिखा और रचा जा रहा है और अधिकांश चीजों में भारत को अपना योगदान देना होगा।
हमें और दशकों तक मुसीबतों का सामना करना होगा
उन्होंने कहा, उर्दू में शेर है, ‘लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई’। अगर इस समय हमें सही नेतृत्व नहीं मिला तो हम विश्व क्रम (वर्ल्ड ऑर्डर) में बदलाव का भारत को लाभ सुनिश्चित नहीं कर पाएंगे। इससे हमें और दशकों तक मुसीबतों का सामना करना होगा।
नया वर्ल्ड ऑर्डर अगले-5-10 सालों में फिर स्थापित होगा
उन्होंने कहा कि नया वर्ल्ड ऑर्डर अगले-5-10 सालों में फिर से स्थापित होगा। ऐसे अवसर पर एक ऐसे नेता की आवश्यकता है जो भारत के हित में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे ‘खेल’ को अच्छी तरह से खेल सके। उन्होंने मौजूदा सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सरकार इतनी सशक्त है कि पश्चिमी ताकतों के हर तरह के दबाव का डटकर मुकाबला कर सके।
मॉस्को-यूक्रेन के संघर्ष में भारत ने रूस से तेल का आयात जारी रखा
अपनी बात के समर्थन में अमीश ने उदाहरण दिया कि भारत ने कैसे मॉस्को और यूक्रेन के संघर्ष में भारत ने कैसे रूस से तेल का आयात जारी रखा। व्यापारिक शब्दावली में इसे प्रथम स्तर की रणनीति कहते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास में कई दफा ऐसा भी समय आया, जब हम दबाव के आगे नहीं टिक पाए थे। इसके कारण भारत ने बहुत कुछ सहा है। 49 वर्षीय अमीश लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में नेहरु सेंटर के निदेशक और संस्कृति व शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।