जमशेदपुर वूमेंस कॉलेज में इग्नू के द्वारा संचालित प्रथम वर्ष के कार्यशाला अनुभव का आयोजन किया गया
जमशेदपुर (संवाददाता ):-जमशेदपुर वूमेंस कॉलेज में इग्नू के द्वारा संचालित प्रथम वर्ष के कार्यशाला अनुभव का आयोजन किया गया। यह आयोजन 07-06 2022 से 18 -06 -2022 के बीच किया गया। जैसा कि विदित है इस कार्यशाला का उद्घाटन कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति एवं जमशेदपुर विमेंस कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉक्टर शुक्ला मोहंती ने अपने कर कमलों से किया था। इस कार्यक्रम का संचालन प्रत्येक दिन 4 सत्रों के साथ कीया गया। कार्यशाला में साधन सेविका/सेवक के द्वारा प्रशिक्षकों के बीच पठन-पाठन के कई आयाम पर विस्तार से शिक्षण प्रशिक्षण की गई। दिनांक 18- 06 -2022 को कार्यशाला के अंतिम दिन जमशेदपुर विमेंस कॉलेज के सेमिनार हॉल में सभी बीएड प्रशिक्षकों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन सभी शिक्षकों के सहयोग से किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर विमेंस कॉलेज के प्राचार्य महोदय डॉ सुधीर कुमार साहू उपस्थित थे, साथ ही शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष एवं इग्नू के समन्वयक डॉ त्रिपुरा झा , सुश्री नेहा मींज, मोनिका, संजय एवं अन्य शिक्षक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अजय कुमार चंद्रवंशी तथा उषा कुमारी ने किया। कार्यक्रम में प्राचार्य महोदय का प्रशिक्षकों द्वारा भव्य स्वागत किया गया साथ ही पूरे सेमिनार हॉल को सजाया गया। सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ एवं डायरी देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न प्रांत ,राजस्थान हरियाणा ,उड़ीसा ,झारखंड , बिहार आदि से आए विद्यार्थियों ने अपने संस्कृति कार्यक्रम से भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। और आज समापन समारोह में सभी प्रशिक्षकों के बीच प्राचार्य महोदय डॉ सुधीर कुमार साहू ने अपने संबोधन में शिक्षार्थियों को आदर्श नागरिक निर्माण के विभिन्न बिंदुओं का उल्लेख करते हुए शिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। कार्यशाला कालीन क्रियाकलाप से संबंधित गतिविधियों की गुणवत्ता को प्रमाणित एवं आंकलन हेतु असाइनमेंट इग्नू की समन्वयक डॉ त्रिपुरा झा ने जमा किए एवं अन्य जानकारियों संग शिक्षार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए उनका मार्गदर्शन किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी संसाधन सेवी, डॉ स्वीटी सिंह ,डॉ मोनिका उप्पल, डॉ सुचिता भुइयां,सुश्री नेहा मीजं, डॉ रंजीता चतुर्वेदी ,अंजनी कुमारी ,गीता महतो का योगदान सराहनीय रहा ।