अधिकारी की प्रताड़ना से तंग आकर BDO ने दे दिया इस्तीफा

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बाराबंकीः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में खंड विकास अधिकारी रामनगर अमित त्रिपाठी ने डीएम और सीडीओ की प्रताड़ना से परेशान होकर 2 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं जब इस बात की जानकारी अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को हुई तो उन्होंने ग्राम्य विकास आयुक्त को मामले की जांच करने के निर्देश दिए।

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बता दें कि यह मामला खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी के इस्तीफे का है। उन्होंने मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी को अपने त्यागपत्र सौंपा। जिसमें कहा है कि पिछले एक माह से सीडीओ व डीएम द्वारा मुझे अत्यधिक परेशान किया जा रहा है और यह प्रताड़ना से परेशान और मजबूर होकर मैं अपना त्यागपत्र सौंप रहा हूं। बीडीओ ने कहा कि एक जुलाई को मेरा स्थानांतरण आप द्वारा पूरे डलई किया गया। उस दिन मैंने चार्ज प्राप्त कर लिया। सांसद जी द्वारा रामनगर ब्लाक के अन्य जनप्रतिनिधियों की मांग पर जिलाधिकारी से पुन: रामनगर में स्थानांतरण के लिए दूरभाष से बात की गई। इसमें मेरा कोई दोष नहीं है।

खंड विकास अधिकारी ने अपने त्याग पत्र में बताया कि आठ जुलाई को पुन: मेरा स्थानांतरण रामनगर कर दिया गया और शाम को लगभग 4:39 बजे जिलाधिकारी कैंप कार्यालय पर मुझे बुलाया गया। जब मैं जिलाधिकारी आवास पहुंचा तो आप व जिलाधिकारी द्वारा मुझे बुरी तरह डांटा गया और आगे इसका अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। मैंने क्षमा-याचना की। इसके बाद 30 जुलाई को सीडीओ व डीएम के द्वारा रामनगर विकास खंड का निरीक्षण किया गया। जिसमें मुझे अस्वस्थ होने के बावजूद जबरदस्ती बुलाया गया और दो-तीन घंटे तक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

इस त्यागपत्र के बाद अपर मुख्य सचिव ने इस मामले की जांच के लिए ग्राम्य विकास आयुक्त को आदेश दिए और कहा है कि खंड विकास अधिकारी रामनगर अमित त्रिपाठी ने अपने त्याग पत्र में मुख्य विकास अधिकारी व जिलाधिकारी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उसने अपमानित करने से परेशान एवं मजबूर होकर त्यागपत्र दे दिया है। पत्र में अंकित तथ्यों की जांच कराकर स्पष्ट संस्तुति सहित आख्या शासन को तत्काल उपलब्ध कराएं। वहीं इस मामले में पीडीएस संघ ने कहा कि बीडीओ अमित त्रिपाठी के साथ है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष एके सिंह ने कहा कि त्यागपत्र देने के मामले में बात की जा रही है। हम पीडीएस के पक्ष में हैं, किसी भी अधिकारी का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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