महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा का नेत्र उत्सव मनाया गया

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बहरागोड़ा (संवाददाता ):- बहरागोड़ा प्रखंड के भूतिया पंचायत अंतर्गत नाऊडोंका गॉव में शनिवार को महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा का नेत्र उत्सव सामाजिक दूरी के साथ मनाया गया। भक्तों को प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा 15 दिनों के बाद शनिबार को दर्शन दिए।आज के दिन पांचरुलाया,मानुसमुड़िया व पारुलिया गॉव में भी नेत्र उत्सव मनाया गया। इस दौरान प्रभु के नवयौवन रूप के दर्शन दिए। इस मौके पर पुजारी शिबसंकर सतपति और भबनी संकर सतपति ने संजुक्त रूप में मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना कर प्रभु का श्रृंगार किया ।मौके पर स्तानीय कीर्तन मंडलियों ने कीर्तन पर्स्तुत किया ।जग्गनाथ सेबा कमिटी के मुताबिक नाउदोंका जगगनाथ मंदिर लगभग 250 साल पुराना है ।आस पास के सेकड़ो लोग यहाँ पुजा करने आते है ।बताया गया कि तातकिलन धलभूमगढ़ के राजा सर्गिया जगदीश चंद्र धबल देव राजा ने मंदिर को स्तापित किया था ।यहाँ शाम को नेत्र उत्सव किया गया। देर रात को भंडारे का आयोजन कर लोंगो ने प्रसाद ग्रहण किया ।

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मालूम हो कि स्नान पूर्णिमा के दिन अत्यधिक स्नान से प्रभु जगन्नाथ,  बलभद्र व देवी सुभद्रा बीमार हो जाते हैं। अणसर गृह में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा उपचार के बाद प्रभु स्वस्थ्य हो गए हैं। अणसर गृह में अलग अलग जड़ी-बूटी से तैयार दवा देकर प्रभु का उपचार किया गया।
अब प्रभु जगन्नाथ पूरी तरह स्वस्थ हैं। नेत्र उत्सव के दो दिन बाद 23 जून को प्रभु जगन्नाथ अपने भाई बहन के साथ मौसी बाड़ी जाएंगे । रथ निर्माण के साथ साथ मूर्तियों की रंगाई-पुताई का काम पूरा कर लिया गया है। गांव के रथ कमेटी के मुताबिक इस वर्ष प्रशासन का अनुमति मिलने के बाद रथ यात्रा आयोजन किया जाएगा।नेत्र उत्सब को सफल बनाने के लिए अलग-अलग गांव के मंदिर कमेटियों के सदस्यों जुटे हुए हैं।

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