“रखरखाव के नाम पर रंगदारी! आदित्यपुर में गरीब दुकानदारों से ठेका एजेंसी की खुली लूट, नगर निगम मौन”…

0
Advertisements
Advertisements

लोक आलोक सेंट्रल डेस्क: अमृत योजना के तहत आदित्यपुर नगर निगम द्वारा विकसित प्रभात पार्क अब भ्रष्टाचार और शोषण का नया केंद्र बनता जा रहा है। वार्ड 17 स्थित इस पार्क का रखरखाव जब से एक निजी एजेंसी को सौंपा गया है, तब से वर्षों से फुटपाथ पर दुकान लगाकर अपनी रोजी-रोटी कमाने वाले गरीब दुकानदारों की जिंदगी मुश्किलों में घिर गई है।

Advertisements
Advertisements

दुकानदारों का आरोप है कि एजेंसी ने पहले पार्किंग के नाम पर उन्हें जबरन हटाया, फिर उन्हीं से हर महीने ₹7000 की “रंगदारी” वसूल कर दोबारा दुकान लगाने की अनुमति दी। मजबूरी में दुकानदारों ने रकम चुकाना स्वीकार किया, ताकि उनका व्यापार और परिवार दोनों बचा रह सके।

“हमारा भी पेट पालना है, दुकान नहीं होगी तो बच्चों को क्या खिलाएंगे?”

— यह दर्द है उन दुकानदारों का, जो हर दिन एजेंसी की मनमानी का शिकार हो रहे हैं।

नगर निगम ने एजेंसी को पार्क में सामुदायिक भवन और घूमने-टहलने की जगहों के रखरखाव की जिम्मेदारी दी है, लेकिन फुटपाथी दुकानदारों से वसूली की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं दी गई है। इसके बावजूद एजेंसी खुलेआम वसूली कर रही है और निगम प्रशासन ने अब तक चुप्पी साध रखी है।

सवाल यह उठता है कि क्या नगर निगम को इस अवैध वसूली की जानकारी नहीं है? या फिर एजेंसी को अंदरखाने से मौन स्वीकृति मिली हुई है?

स्थानीय लोगों और दुकानदारों की मांग है कि इस मामले की तत्काल जांच कर एजेंसी पर कार्रवाई की जाए और फुटपाथी दुकानदारों को राहत मिले। वरना यह पार्क “प्रभात” नहीं, बल्कि गरीबों के लिए “अंधकार” का प्रतीक बन जाएगा।

Thanks for your Feedback!

You may have missed