डीएवी स्कूल बिष्टुपुर में बीपीएल कोटे पर नामांकन को लेकर विवाद, जांच के बाद 14 बच्चों को मिली मंजूरी

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जमशेदपुर :-  डीएवी स्कूल बिष्टुपुर में बीपीएल कोटे के तहत नामांकन को लेकर उपजा विवाद अब प्रशासन की दखल के बाद सुलझता दिख रहा है। प्रशासन द्वारा भेजी गई 30 बीपीएल बच्चों की सूची में से स्कूल ने मात्र 11 बच्चों का नामांकन किया, जबकि 19 बच्चों को उम्र और दूरी का हवाला देते हुए प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। इससे आक्रोशित अभिभावकों ने तत्कालीन उपायुक्त अनन्य मित्तल से शिकायत की, जिसके बाद मामला गंभीरता से लिया गया।

डीसी के निर्देश पर एडीसी भगीरथ प्रसाद की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया। बुधवार को विद्यालय की प्राचार्या प्रज्ञा सिंह जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय में जांच समिति के समक्ष पेश हुईं। जांच के दौरान प्राचार्या ने 14 बच्चों के नामांकन पर सहमति जता दी है, जबकि शेष पांच बच्चों के मामले अब भी विवादित बने हुए हैं।

बताया जा रहा है कि जिन पांच बच्चों के नामांकन पर अभी सहमति नहीं बनी है, उनके दस्तावेजों में उम्र से संबंधित विसंगतियाँ पाई गई हैं। इन मामलों की आगे गहन जांच की जाएगी। वहीं कुछ बच्चों के आवासीय पते स्कूल से निर्धारित दूरी के मानकों के बाहर पाए गए हैं, जिसे स्कूल ने नियमों के खिलाफ बताया है।

जांच टीम इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि क्या स्कूल द्वारा नियमों की व्याख्या सही है या फिर बीपीएल बच्चों को प्रवेश से वंचित करने के लिए तकनीकी आधारों का सहारा लिया जा रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) के तहत हर निजी स्कूल को बीपीएल श्रेणी के बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित करनी होती हैं।

प्रशासन का कहना है कि किसी भी योग्य बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं होने दिया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि बचे हुए बच्चों को नामांकन मिलेगा या नहीं।

इस मामले को लेकर शहर में चर्चा गर्म है और अभिभावकों को उम्मीद है कि उनके बच्चों को न्याय मिलेगा और शिक्षा का संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित किया जाएगा।

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