CHAITRA NAVRATRI 2025 DAY 3: नवरात्र के तीसरे दिन क्यों मनाते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें इसके लाभ और महत्व…

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लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिनमें से तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का विशेष महत्व है। मां चंद्रघंटा का रूप अत्यधिक शांति, सुख, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा स्थित होता है, जो शांतिपूर्ण और शुभ फल प्रदान करता है।

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मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व:

मां चंद्रघंटा का रूप बहुत ही अद्भुत है, जिसमें वे एक घंटे के आकार के चंद्रमा के साथ सवार होती हैं। इस रूप में वे अत्यधिक शांतिपूर्ण और सौम्य दिखाई देती हैं, लेकिन साथ ही उनके अंदर अत्यधिक शक्ति भी समाहित है। वह राक्षसों और बुरी शक्तियों का नाश करने वाली हैं और भक्तों को शांति और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।

मां चंद्रघंटा की पूजा से विशेष रूप से मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके अलावा यह पूजा आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और तात्कालिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक होती है। साथ ही यह पूजा तनाव, चिंता और डर को भी दूर करने में मदद करती है। मां चंद्रघंटा के व्रत और पूजा से गृहस्थ जीवन में शांति और प्रेम बढ़ता है।

मां चंद्रघंटा की पूजा से होने वाले लाभ:

1. मन की शांति: मां चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति के मन को शांति मिलती है और मानसिक तनाव कम होता है। पूजा में बत्तियां और दीप जलाने से वातावरण शुद्ध होता है, जिससे मन में शांति और सकारात्मकता का संचार होता है।

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2. आध्यात्मिक उन्नति: मां चंद्रघंटा की पूजा से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होता है।

3. सार्विक समृद्धि: मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। कार्यों में सफलता और पारिवारिक संबंधों में मधुरता आती है।

4. शक्ति का विकास: मां चंद्रघंटा की उपासना से व्यक्ति के अंदर अद्वितीय शक्ति का संचार होता है, जिससे वह जीवन की कठिनाइयों का सामना पूरी मजबूती से कर सकता है।

मां चंद्रघंटा के मंत्र और आरती:

मां चंद्रघंटा की पूजा में विशेष रूप से उनके मंत्रों का जाप और आरती का पाठ किया जाता है। इनमें से एक प्रमुख मंत्र है:

ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।

इसके साथ-साथ दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ भी इस दिन विशेष रूप से किया जाता है। इससे मां चंद्रघंटा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि एवं शांति का वास होता है।

मां चंद्रघंटा की पूजा से जीवन में मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है। इस दिन उनके मंत्र और आरती के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों को अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। इस नवरात्रि में इस पूजा का आयोजन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और वह देवी की कृपा से सभी बाधाओं से मुक्त हो जाता है।

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