गर्मियों में सेहत के लिए बेहद गुणकारी है केला, एक्सपर्ट के बताए इन 5 तरीकों से करें डाइट में शामिल…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- केला हर मौसम में मिलने वाला एक लाजवाब फल है जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। अन्य फलों के मुकाबले इसे खाने में किसी चाकू चम्मच या थाली का झंझट भी नहीं होता है। आइए इस आर्टिकल में एक्सपर्ट से जानते हैं कि गर्मियों के मौसम में केले को किन तरीकों से डाइट में शामिल किया जा सकता है।

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केला अपने आप में ही एक प्रॉपर मील है। इसे खाने से आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलता है। यह डाइटरी फाइबर का अच्छा सोर्स होता है, जिसके चलते इसे पचाने में भी ज्यादा दिक्कत नहीं होती और यह कब्ज की समस्या भी नहीं होने देता है। आइए इस आर्टिकल में आपको सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर द्वारा बताए ऐसे 5 तरीके बताएंगे, जिनकी मदद से आप गर्मियों में इसे अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।

केले से करें दिन की शुरुआत

रुजुता दिवेकर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर बताया है कि आप अपने दिन की शुरुआत केले के साथ कर सकते हैं। इसकी मदद से माइग्रेन, एसिडिटी और पैरों में ऐंठन को दूर किया जा सकता है।

मिड-डे मील के तौर पर

मिड-डे मील में केले के सेवन से शरीर को एनर्जेटिक बनाया जा सकता है। इसके सेवन से हाइपोथायरायडिज्म के कारण होने वाली थकान और आलस से भी राहत पाई जा सकती है और देखा ये भी गया है कि लंच में इसे खाने से मूड भी बेहतर होता है।

ट्रेडिशनल मील की तरह

रुजुता दिवेकर महाराष्ट्र में खाई जाने वाली ट्रेडिशनल मील शिकरण (Shikran) के बारे में बताती हैं। इसके लिए आप केले के टुकड़ों को दूध, चीनी और रोटी के साथ मिलाकर खा सकते हैं, जो कि एक होलसम मील है। सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या में भी केले का इस तरीके से सेवन आपको राहत दे सकता है।

डिनर के बाद

डिनर के बाद कई लोगों को मीठा खाने का शौक होती है, ऐसे में न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया है कि डिनर के आखिर में इसे खाने से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) और कब्ज की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें फ्रुक्टोज का स्तर कम होने के कारण यह शुगर क्रेविंग को दूर करने का भी एक हेल्दी ऑप्शन है।

मिल्क शेक बनाएं

स्मॉल मील रखने वाले लोगों को डाइट में बनाना मिल्कशेक को शामिल जरूर करना चाहिए। वर्कआउट के बाद या देर रात पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी यह परफेक्ट ऑप्शन होता है, जिससे पाचन तो बेहतर होता ही है, साथ ही भूख भी शांत होती है।

 

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