झारखण्ड में सार्वजानिक स्थानों पर गुटखा , सिगरेट एवं तम्बाकू उत्पादों के सेवन पर रोक , पकडे जाने पर 1000 जुर्माना …
राँची :- झारखंड में अब सार्वजिनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों और सिगरेट के सेवन पर 1000 रुपये जुर्माना लगेगा. नियम का उल्लंघन करने वालों को 1 से 3 साल तक की जेल भी हो सकती है. झारखंड विधानसभा में इससे संबंधित विधेयक पारित हो गया. सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण विनियमन) (झारखंड संशोधन) विधेयक 2021 विधानसभा से पारित हुआ है. इसके तहत अब शैक्षणिक स्थानों के अलावा सरकारी कार्यालय, अस्पताल और कोर्ट के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों के बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है. हुक्का बार पर भी झारखंड में अब पूर्ण प्रतिबंध लग गया है. तंबाकू से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए यह विधेयक लाया गया है. बता दें कि तंबाकू के प्रयोग से 40 फीसदी गंभीर बीमारियां होती है. इनमें कैंसर, ह्रदय और फेफड़े के विकार शामिल हैं. वहीं हर साल देश में 13.5 लाख से अधिक लोगों की मौत तंबाकू सेवन से होती है. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2017 के मुताबिक 15 साल से ज्यादा के 27 करोड़ भारतीय तंबाकू का सेवन करते हैं. जिनमें 59.7% पुरुष, 17% महिला शामिल हैं, जबकि झारखंड में तंबाकू सेवन करने वालों का आंकड़ा 38.9% फीसदी है. वहीं हाल के वर्षों में हुक्का का प्रयोग करने वाले युवाओं और अव्यस्कों की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. विधानसभा में विधेयक पर संशोधन प्रस्ताव लाते हुए आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि जुर्माना की राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया जाना चाहिए. साथ ही इसे गैर जमानती अपराध की श्रेणी में शामिल करने की मांग की. इसपर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड सरकार कड़ाई कर रही है, लेकिन 10 हजार रुपये जुर्माना राशि करना तर्कसंगत नहीं है. विधानसभा में दो और विधेयक झारखंड माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2021 और झारखंड हरित ऊर्जा विधेयक 2021 भी पारित हुआ. इन दोनों विधेयकों पर बीजेपी के विधायकों और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने संशोधन प्रस्ताव लाया, जिसे अमान्य कर दिया गया. बहुमत होने के कारण दोनों विधेयक पास हो गये. सरयू राय, रामचंद्र चंद्रवंशी ने सवाल उठाया कि जो विधेयक धन विधेयक में तब्दील हो जाता है उसपर राज्यपाल का अनुमोदन जरूरी होता है, सरकार को संशोधन पर पुनर्विचार करना चाहिए. विधेयकों के पास होने पर विधायक सीपी सिंह ने कहा कि आज का दिन संसदीय इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा.