आस्तिक महतो नहीं लड़ेंगे लोक सभा चुनाव
जमशेदपुर। झामुमो के वरिष्ठ नेता और अनेक सांसदों की जीत में सहायक रहे आस्तिक महतो के विद्रोही तेवर ढीले पड़ गए हैं। उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे। दो-तीन दिनों तक अपने समर्थकों से बातचीत भी की, परंतु बाद में चुनाव लड़ने का इरादा त्याग दिया। इसकी वजह यह बताई जाती है कि निर्दलीय के रूप में उन्हें पर्याप्त समर्थन मिल नहीं रहा था और दो दल उन्हें अपने-अपने साथ सशर्त जोड़ना चाहते थे। इनमें से एक झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति और दूसरा भारतीय जनतंत्र मोर्चा है। वे उन्हें अपने-अपने दल से चुनाव लड़वाना चाहते थे। परंतु आस्तिक समर्थकों का मानना था कि अगर भाजमो से लड़ते तो शहर में तो वोट मिलता, गांव में खाली हाथ रहते। जबकि झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति से चुनाव लड़ते तो ग्रामीण क्षेत्र में भले वोट मिलता, वे शहर में खाली हाथ रहते। इन दोनों ने बाहर से समर्थन दिया नहीं। इस वजह से उन्होंने इस बार चुनाव से दूर रहने का निर्णय लिया।