अंकिता सिन्हा ने सिमडेगा में वीर रस की कविताओं की प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही लूटी

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जमशेदपुर:-  झारखंड राज्य के 21 वे स्थापना दिवस पर सिमडेगा जिला प्रशासन की ओर से कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। भारतीय तिरंगा गौरव अवार्ड से सम्मानित और जम्मू कश्मीर से धारा 370 केंद्र सरकार द्वारा समाप्त किए जाने के बाद गड़तंत्र दिवस पर श्रीनगर लाल चौक पर झंडा फहरा कर देशभक्ति गीत की प्रस्तुति देनेवाली वीरांगना अंकिता ने जैसे ही वीर रस की कविताओं की प्रस्तुति देने लगी पूरा सभागार दर्शको की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा। अंकिता ने इस गीत से अपनी शुरुआत की…
टुकड़ों में न बिखरो गुलशने ए हिदुस्तान को।
वीरों ने लहूं से सींचा हैं शाने हिदुस्तान को।।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ये तो हैं परिवार खौफनाक मंजर हैं क्यो।।क्यों करते अपनों पर वार।
दलदल न बनाओ जुल्मो का ..इस धरती बेज़ुबान को।।
वीरो ने लहूं से सींचा हैं शाने हिदुस्तान ।। टुकड़ों में ना बिखरो गुलशने हिदुस्तान को।।
छंद लिखती रहूँ देश की शान में
गर्व होता है मुझ को इसी आन में
मैं तो कुछ भी नही,फिर भी इतना तो है। नाम मेरा है भारत की पहचान में।। अंकिता सिन्हा की कविताओं से सभागार में दर्शको के रोंगटे खड़े हो गए। मौके पर अंकिता को कई बड़े जिला के पदाधिकारियों से आशीर्वाद प्राप्त हुआ। इस कवि सम्मेलन में झारखंड मधुपुर से रोशन हबीबा, रांची से प्रवीण परिमल, दिलशाद नजमी के साथ साथ अजीत चितवन आदि कवियों ने अपनी रचनाओं की प्रस्स्तुति दी। कार्यक्रम में सिमडेगा के जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक सहित काफी संख्या में प्रशासन के लोग स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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