कोड़ा गैंग के बाद ईरानी गैंग पर है पुलिस की नजर, 32 लाख लूट का हो सकता है उद्भेदन

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जमशेदपुर:- शहर के बिष्टूपुर से 32 लाख रुपये की लूट और साकची से 10 लाख रुपये की सोना ठगी के मामले में जहां शुरूआती दौर पर पुलिस को लग रहा था कि मामले में कोड़ा गैंग का हाथ हो सकता है, लेकिन तीन माह के बाद अब पुलिस को लग रहा है कि मामले में लखनऊ के ईरानी गैंग का हाथ हो सकता है. इसके लिये शहर की पुलिस टीम लखनऊ में जाकर कैंप भी किये हुये है. हो सकता है कि सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद मामले का भी उद्भेदन हो सके.

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तीन माह के बाद भी पुलिस के हाथ खाली

घटना के तीन माह के बाद भी जिले के पुलिस के हाथ खाली ही है. लूट की घटनाओं को बाद जहां शहर व्यापारियों ने आंदोलन करने क धमकी दी थी, लेकिन बाद में वे भी दुबक गये. पुलिस भी शांत बैठ गयी. इधर एसएसपी डॉ. एम तमिल वाणन का कहना है कि दोनों घटनाओं के बाद पुलिस चुप नहीं बैठी है. अंदर-ही-अंदर काम चल रहा है. पुलिस चाह रही है कि हर हाल में लूट की घटनाओं को उद्भेदन कर दिया जाये.

शहर के लिये है बिल्कुल नया गिरोह

ईरानी गैंग की बात करें तो वह शहर के लिये बिल्कुल ही नया गिरोह है. गिरोह का मुख्य ठिकाना मुंबई में है, लेकिन मुंबई में घटनाओं को अंजाम देने के बजाये दूसरे राज्यों में देते हैं. इस कारण से वे मुंबई में पूरी तरह से सुरक्षित हैं. मुंबई पुलिस को भी उनसे किसी तरह की परेशानी नहीं है. ऐसे में दूसरे राज्यों की पुलिस को परेशानी होती है. गैंग के सदस्य किसी भी राज्य में प्रवेश करने के पहले नयी बाइक खरीदते हैं और घटना को अंजाम देने के बाद उस बाइक को बेचकर वहां से दूसरे राज्य में प्रवेश कर रहे हैं. पुलिस वाला बनकर लूट और ठगी की घटनाओं को अंजाम देना ही उनकी मोडस अपरेंडी है.

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