आखिर क्यों नेताजी की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है

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subhash chandra bose birthday: प्रत्येक वर्ष 23 जनवरी भारत में पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है क्योंकि आज ही के दिन 1897 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस जन्म कटक ,उड़ीसा मे हुआ था।

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अपने बाल्य जीवन से ही नेताजी के भीतर देश प्रेम कूट-कूट कर भरा हुआ था उन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिवस दिलाने का लक्ष्य बचपन से ही ठान रखा था।उन्होंने अपने विचारों से देश के युवाओं को बहुत ज्यादा प्रेरित किया। उनके जन्मदिवस को पराक्रम दिवस के रूप में भी मनाया जाता है ।सुभाष चंद्र बोस को लोग प्यार से नेताजी भी कहते थे। भारत को स्वतंत्र कराने में इनके योगदान को कभी भुला नहीं जा सकता। अंग्रेजों से भारत को मुक्त कराने के लिए इन्होंने अलग तरीक से लड़ाई लड़ी। आजाद हिंद फौज का गठन इसी लड़ाई का एक हथियार था। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जैसे नारों से उन्होंने स्वंतत्रता संग्राम की लड़ाई युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया। उनकी जयंती के अवसर पर जानेंगे उनके ऐसे ही कुछ क्रांतिकारी विचारों के बारे में।

सुभाष चंद्र बोस के अनमोल विचार

1. एक व्यक्ति किसी विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद हजारों लोगों के जीवन में अवतरित होगा।

2. शाश्वत नियम याद रखें- अगर आप कुछ पाना चाहते हैं, तो आपको कुछ देना होगा।

3. जिसके अंदर ‘सनक’ नहीं होती, वह कभी महान नहीं बन सकता।

4. मैंने जीवन में कभी भी खुशामद नहीं की है। दूसरों को अच्छी लगने वाली बातें करना मुझे नहीं आता।

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5. याद रखें की अन्याय और गलत से समझोता करने से बड़ा कोई अपराध नहीं है।

6. उच्च विचारों से कमजोरियां दूर होती हैं। हमें हमेशा उच्च विचार पैदा करते रहना चाहिए।

7. हमारा सफर कितना ही भयानक, कष्टदायी और बदतर हो, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना ही है। सफलता का दिन दूर हो सकता हैं, लेकिन उसका आना अनिवार्य ही है।

8. सफलता की नींव हमेशा असफलता से ही होकर गुजरती है।

9. अगर आपको किसी के सामने कुछ समय के लिए झुकना भी पड़े तो वीरों की तरह झुकना।

10. अगर जीवन में संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तो जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है।

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