अदित्यपुर : नगर निगम प्रशासन की कार्रवाई पर उठने लगे सवाल, दुकानदार लगा रहे पक्षपात का आरोप, सिटी मैनेजर ने कहा मंगलवार को चलेगा अभियान
Adityapur : नगर निगम प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. जिन दुकानदारों के दुकान तोड़े गए हैं उन दुकानदारों का आरोप है कि नगर निगम प्रशासन किसी के दबाव में थाना रोड के अतिक्रमण को स्थगित कर बाकी दुकानदारों को अमरता का आशीर्वाद दे दिया है. हालांकि इस बारे में नगर निगम के सिटी मैनेजर रवि भारती ने कहा है कि आरोप सही नहीं है मंगलवार को वहां निश्चित रूप से अभियान चलाया जाएगा. बता दें कि नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल उठने की वजह सोमवार को नगर निगम द्वारा चलाया जानेवाला अतिक्रमण हटाओ अभियान को टालना है. चूंकि शुक्रवार को अभियान को आधा चलाकर 2 दिन का समय बाकी दुकानदारों को देकर अभियान स्थगित कर दिया गया था. जिसको लेकर दुकानदारों ने नगर निगम प्रशासन पर एक आंख में काजल और दूसरे आंख में सूरमा लगाने का गंभीर आरोप लगाया है. बता दें कि नगर निगम प्रशासन के अनुसार 2 दिन बाद यानी सोमवार से अतिक्रमण अभियान शुरू करना था, जो कि अपरिहार्य कारणों से टल गया है, जिसपर नगर निगम प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. इस संबंध में जब नगर प्रबंधक रवि कुमार भारती से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभियान सोमवार होने और मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति नहीं होने की वजह से सोमवार को अभियान टला है, कल मंगलवार को अधूरा कार्य नगर निगम जरूर पूरा करेगी. उन्होंने बताया कि मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति हो रही है मंगलवार को जहां अभियान रोका गया था वहीं से शुरू किया जाएगा.
नगर निगम की नाकामी का दंश झेल फुटपाथी दुकानदर –
बता दें कि 2 वर्ष पूर्व ही फुटपाथी दुकानदारों का आई कार्ड नगर निगम ने बनवाया था जिसे वेंडिंग जोन बंनाकर व्यवस्थित करना था लेकिन नगर निगम यह कार्य नहीं कर पाई लिहाजा फुटपाथी दुकानदार थाना रोड में ही दुकान लगाने लगे हैं. जहां तक बाजार मास्टर द्वारा मासूल वसूलने का प्रश्न है उसे यह अधिकार बाजार समिति से बतौर टेंडर निकाल कर दी गई है. इस बारे में बाजार मास्टर का कहना है कि उसको मिले टेंडर के अनुसार दिंदली बाजार में दैनिक हाट के लिए 5.35 एकड़ जमीन चिन्हित है लेकिन वर्तमान में वह जमीन कहां है उसे पता नहीं, लिहाजा वो बाजार समिति को राजस्व देने के लिए जहां फुटपाथी दुकान लगता है वहीं से मासूल वसूलते हैं. इसमें उनका कोई दोष नहीं है. अब नगर निगम ही बताए कि बाजार हाट की 5.35 एकड़ जमीन कहां है जहां हाट लगाई जाए और राजस्व वसूली जाय.