आदित्यपुर : एनआईटी जमशेदपुर में एनएसएस का तीन दिवसीय सस्टेनेबल डेवलपमेंट कार्यक्रम का हुआ समापन, मुख्य वक्ता ने कहा अगर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता रहा तो 2050 तक 10 लाख प्रजातियाँ विलुप्त हो जाएंगी
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Adityapur : एनआईटी जमशेदपुर में एनएसएस के द्वारा चल रहे सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर आयोजित कार्यक्रम का मंगलवार को सफलतापूर्वक समापन हुआ. इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को सतत विकास के प्रति जागरूक करना और उन्हें सकारात्मक दिशा में प्रेरित करना. कार्यक्रम की शुरुआत में पहले दो दिनों तक केस स्टडी प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता से हुई. जिसमें छात्रों ने ग्रीन बिल्डिंग प्रैक्टिसेज, प्लास्टिक वेस्ट को कम करना, नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभाव और जल प्रबंधन रणनीतियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर नवाचारी विचार और समाधान प्रस्तुत किए. प्रस्तुतियों का मूल्यांकन जजों के पैनल द्वारा किया गया, जिन्होंने छात्रों के रचनात्मक दृष्टिकोण और व्यावहारिक समाधानों की सराहना की. कार्यक्रम का आयोजन एनएसएस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. जयेंद्र कुमार की देखरेख में हुआ. इसमें छात्र प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कार्यक्रम का समापन एक सेमिनार के साथ हुआ, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में हिमांशु शेठ ने अपनी प्रेरणादायक बातों से छात्रों को सम्बोधित किया. श्री शेठ एक शिक्षाविद्, प्रेरक और जीवन कोच हैं, जो अपनी प्रभावशाली कहानियों और व्यक्तिगत एवं पेशेवर विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं. उन्होंने नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग और कचरा प्रबंधन प्रणाली को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि आने वाली पीढ़ी भी संसाधनों का उपयोग कर सके. उन्होंने छात्रों को बांस के पेड़ के फायदों के बारे में बताया कि कैसे यह फर्नीचर और अन्य उत्पादों में उपयोगी हो सकता है. श्री शेठ ने पृथ्वी दिवस और पर्यावरण दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिनों के बारे में भी चर्चा की और छात्रों से बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करने और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाले उत्पादों को अपनाने की अपील की. उन्होंने यह भी बताया कि अगर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता रहा, तो 2050 तक 10 लाख प्रजातियाँ विलुप्त हो सकती हैं.
सेमिनार में डॉ. आर.पी. सिंह (डीन, छात्र कल्याण) और डॉ. जयेंद्र कुमार (एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक) भी उपस्थित रहे. डॉ. सिंह ने युवा और स्थिरता के बीच के संबंध पर अपने विचार साझा किए और छात्रों से स्थिरता के प्रति सजग रहने की अपील की. डॉ. कुमार ने छात्रों को स्थिरता की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया. इस आयोजन में
लगभग 100 छात्रों ने भाग लिया और श्री शेठ की बातों को ध्यान से सुना, जो भविष्य में उनके लिए उपयोगी साबित होगी. कार्यक्रम का समापन केस स्टडी प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देकर किया गया.
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