आदित्यपुर नगर निगम: आंख मूंदे राजा, अतिक्रमण बन गया प्रजा जैसी कहावत हो रही चरितार्थ , आवासीय इलाके में रोड पर गाड़ी और छज्जा, सार्वजनिक सड़कों पर निजी साम्राज्य…आवासीय इलाकों में अतिक्रमण की बढ़ती समस्या, नगर निगम की चुनौती…
आदित्यपुर:- आदित्यपुर इलाके में अतिक्रमण की समस्या न केवल बाजार क्षेत्रों और मुख्य सड़कों तक सीमित है, बल्कि आवासीय इलाकों में यह और भी विकराल रूप ले चुकी है। बिन गैरेज गाड़ियां खरीदकर सड़कों पर खड़ा करना, घरों के बाहर सड़क पर सीढ़ियां और छज्जे बनाना, और अन्य अवैध निर्माण अतिक्रमण के प्रमुख कारण बन गए हैं। यह न केवल आवागमन में बाधा उत्पन्न कर रहा है, बल्कि गली-मुहल्लों की सार्वजनिक संरचना और सामुदायिक जीवन को भी प्रभावित कर रहा है।
अतिक्रमण के कारण आवासीय इलाकों में समस्याएं
आवासीय इलाकों में गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अधिकतर लोग बिना गैरेज के वाहन खरीद रहे हैं और उन्हें अपने घरों के सामने सड़कों पर खड़ा कर रहे हैं। इससे सड़कें संकरी हो रही हैं, जिससे आपातकालीन सेवाओं, जैसे एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड, का पहुंचना मुश्किल हो रहा है। सड़कों पर वाहनों की कतारें लगने से यातायात जाम आम बात हो गई है। गाड़ियां खड़ी करने की यह प्रवृत्ति न केवल अतिक्रमण को बढ़ावा देती है, बल्कि पड़ोसियों के बीच विवाद का कारण भी बनती है। कई मकान मालिक अपने घरों के बाहर सड़क तक सीढ़ियां या छज्जे बना रहे हैं। यह सार्वजनिक सड़कों की जगह पर सीधा अतिक्रमण है। इससे न केवल आवागमन बाधित होता है, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। सीढ़ियां और छज्जे सड़कों को संकीर्ण बना देते हैं, जिससे सफाई वाहनों और अन्य सेवाओं का संचालन प्रभावित होता है। घरों के बाहर निर्माण सामग्री, जैसे ईंट, रेत, और सीमेंट रखना आम हो गया है। लोग अपने घरों के बाहर अवैध रूप से अस्थायी शेड या दुकानें बना रहे हैं। कचरे के ढेर और कबाड़ रखने से भी सड़कों पर अतिक्रमण बढ़ रहा है।
अतिक्रमण के बढ़ने के कारण
लोग सार्वजनिक स्थानों को अपनी निजी संपत्ति मानकर उनका दुरुपयोग कर रहे हैं। सड़कों पर वाहन खड़ा करना और निर्माण करना आम बात हो गई है, लेकिन अधिकांश लोग यह नहीं समझते कि यह गैरकानूनी है। आवासीय इलाकों में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई बहुत सीमित है। निगरानी और नियमित निरीक्षण की कमी के कारण लोग बिना डर के अतिक्रमण कर रहे हैं। पार्किंग के लिए उचित स्थान न होना भी एक बड़ा कारण है। लोग गैरेज बनाने के बजाय सड़कों पर गाड़ियां खड़ी करना सस्ता और सुविधाजनक मानते हैं। कई लोग अतिक्रमण को रोकने के बजाय इसे प्रोत्साहित करते हैं। वे खुद सड़कों पर सामान रखने और वाहन खड़ा करने की प्रवृत्ति में शामिल होते हैं। सड़कों पर खड़ी गाड़ियों और अवैध निर्माण के कारण गली-मुहल्लों में यातायात जाम आम हो गया है। छोटी गलियों में यह समस्या और भी गंभीर है। गाड़ियों की कतार और सीढ़ियों जैसे अवरोध आपातकालीन सेवाओं, जैसे एम्बुलेंस और दमकल वाहनों, के लिए बड़ी चुनौती हैं। समय पर मदद न मिलने के कारण आपातकालीन स्थितियों में जान-माल का नुकसान हो सकता है। अतिक्रमण के कारण पड़ोसियों के बीच विवाद और तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। सामाजिक संबंधों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सड़कों पर कचरे और निर्माण सामग्री के कारण सफाई व्यवस्था प्रभावित होती है। गंदगी और पानी के ठहराव से मच्छर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
इस मामले मे आदित्यपुर नगर निगम को कई बार शिकायत भी किया जा चुका है लेकिन फिर भी निगम की तरफ से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है।