झारखंड पेयजल घोटाले की ACB ने शुरू की जांच, 59 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी में कई अफसर संलिप्त…

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लोक आलोक सेंट्रल डेस्क:झारखंड के बहुचर्चित पेयजल घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 20 करोड़ से अधिक की हेराफेरी से जुड़े इस घोटाले का खुलासा ‘प्रभात खबर’ द्वारा प्रकाशित छह कड़ियों में किया गया था। अब यह मामला और गहराता दिख रहा है, क्योंकि जांच में 59 करोड़ रुपये तक की वित्तीय अनियमितता के संकेत मिले हैं।

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ACB ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एक डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी है। साथ ही, एसीबी के प्रमुख और झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता सोमवार या मंगलवार को इस पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर सकते हैं। समीक्षा के बाद साक्ष्य संकलन और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज होगी।

इस घोटाले में कई सरकारी कर्मियों की संलिप्तता सामने आयी है। रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने ACB जांच की अनुशंसा की थी, जिसके बाद अब विभाग से आवश्यक दस्तावेज भी जुटाए जा चुके हैं।

गौरतलब है कि पेयजल विभाग में कार्यरत पूर्व रोकड़पाल संतोष के खिलाफ पहले ही सदर थाना में केस दर्ज किया गया था और उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। जांच में यह भी सामने आया है कि विभाग द्वारा एलएंडटी कंपनी को किए जाने वाले भुगतान को संतोष ने अपने निजी खाते में रखा और उस पैसे से कार्यपालक अभियंता समेत वरिष्ठ अधिकारियों को महंगे उपहार — जैसे जेवरात, लैपटॉप और मैकबुक — भेंट किए।

वित्त विभाग की आंतरिक जांच में पांच फर्जी बैंक अकाउंट खोलने और मृतक कर्मी के नाम पर पे-आईडी जारी करने जैसे चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। साथ ही, ट्रेजरी की भूमिका भी इस घोटाले में संदिग्ध पाई गई है, जिसके चलते अब तक चार ट्रेजरी अफसरों को निलंबित किया जा चुका है।

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यह घोटाला न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग की कहानी कहता है, बल्कि सिस्टम में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार की भी पोल खोलता है।

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