ऐसी जनजाति, जो दावत में खिलाती है इंसानों का मांस…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- न्यू गिनी में रहने वाली असमत जनजाति नरभक्षी जीवन जीने के लिए जानी जाती है. उनकी परंपराएं अजीबोगरीब हैं. वे दावत में इंसानों का मांस खिलाते हैं. खोपड़ियों में खाना पकाते हैं.
धरती पर कई जनजातियां हैं, जिनके रस्म-रिवाज अजीबोगरीब हैं. लेकिन आज हम आपको उस नरभक्षी जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दावत में इंसानों का मांस खिलाते हैं. खोपड़ियों में खाना पकाते हैं. जिन्हें इंसानी खून पीना पसंद है. यहां तक कि अगर इनके किसी साथी की दूसरे गुट के लोगों ने हत्या कर दी, तो खून का बदला खून. यानी उनके भी किसी साथी की खोपड़ी जब तक नहीं आ जाती, तब तक ये चैन से नहीं बैठते. भले ही किसी बच्चे या महिला को ही मारकर क्यों न ले आएं.
हम बात कर रहे न्यू गिनी में रहने वाली असमत जनजाति की, जिन्हें आप पूरी तरह नरभक्षी कह सकते हैं. इंडोनेशिया के दक्षिण पापुआ प्रांत में 10,000 वर्ग मील जंगल क्षेत्र पर इनका कब्जा है. 1623 में पहली बार इनका यूरोप के लोगों से सामना हुआ. लेकिन 1950 तक ये अलग-थलग ही रहे. किसी बाहरी के संपर्क में नहीं आए. यह अपने चेहरे को रंग से ढंके रखते हैं. सिर पर टोपी होती है और भाले के साथ हेडहंटर, जिससे ये शिकार किया करते हैं. इन्हें सबसे क्रूर शिकारी माना जाता है.
बदला दुश्मन की खोपड़ी लेकर
जिन लोगों का ये कत्ल करते थे, उनके खून से रगड़कर लकड़ी की मूर्तियां बनाते थे. बेहद सुंदर सजी हुई खोपड़ियां भी ये तैयार करते थे और उसी से अपना घर सजाते थे. एक पवित्र अनुष्ठान में वे खोपड़ियों में खाना पकाते थे और यही दावत में परोसा जाता था. इनका मानना था कि ऐसा करने से इनके पूर्वजों की आत्मा को शक्ति मिलेगी. हर बार जब जनजाति का कोई सदस्य मारा जाता था, तो उसका बदला दुश्मन की खोपड़ी लेकर लेना पड़ता था – चाहे वह पुरुष हो, महिला हो या बच्चा हो. ऐसा माना जाता है कि पीड़ितों की खोपड़ियों का उपयोग खाना पकाने में किया जाता था.
उनकी लकड़ी की नक्काशी का जवाब नहीं
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्ल हॉफमैन नाम के एक शख्स ने इनके बारे में लिखा है. किसी को मारने के बाद ये ताड़ का पत्ता लेते थे. चाकू से उसकी खोपड़ी की सफाई करते थे. फिर जो सामान निकलता था, उसे साबूदाना में मिलाकर ताड़ के पत्ते में लपेटते थे. फिर उसे आग में भूनकर खाते थे. यह उनका सबसे पसंदीदा खाना था. कहा जाता है कि न्यूयॉर्क के गवर्नर नेल्सन रॉकफेलर के 23 वर्षीय बेटे इसी जनजाति की ओर जाते समय गायब हो गए थे. अब तक उनके बारे में पता नहीं चला. कुछ लोगों ने कहा कि शायद जिस नाव से वे जा रहे थे, वह डूब गया था. लेकिन ज्यादातर लोगों का मानना है कि अपने गांव पर यूरोपीय लोगों के हमले का बदला लेने के लिए नरभक्षियों ने उसे मार डाला और खा लिया. हॉफमैन ने भी अपनी किताब में इसे सही माना. अस्मत आज भी अपेक्षाकृत अलग-थलग हैं और अपनी परंपराओं को कायम रखे हुए हैं. उनकी लकड़ी की नक्काशी का जवाब नहीं.