भारत के सबसे पहले चुनाव आयुक्त के जीवनी पर बनेगी फिल्म, सिद्धार्थ रॉय कपूर ने की घोषणा…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले फिल्म इंडस्ट्री की तरफ से दिलचस्प खबर आई है। निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर ने पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन पर बायोपिक का एलान किया है जो पहले आम चुनावों के सूत्रधार थे। उन्होंने बायोपिक बनाने के लिए सभी आधिकार भी हासिल कर लिए हैं। सिद्धार्थ की कम्पनी ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी।

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सात चरणों के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव अब अपने फैसले की घड़ी की ओर बढ़ रहा है। बस कुछ घंटों बाद साफ हो जाएगा कि अगले पांच साल देश पर किस पार्टी का शासन होगा। लोकतंत्र के पर्व के इस अहम पड़ाव के दौरान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की तरफ से एक अहम घोषणा की गई है।

निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर ने पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन की बायोपिक का एलान किया है, जो आजादी के बाद देश के पहले आम चुनावों के सूत्रधार माने जाते हैं।

खास दिन पर हुई घोषणा

सिद्धार्थ रॉय कपूर ने सुकुमार सेन पर बायोपिक बनाने के अधिकार हासिल कर लिए हैं। रॉय कपूर फिल्म्स ने ट्रिकीटेनमेंट मीडिया के साथ मिलकर बायोपिक के सभी अधिकारी अपने नाम कर लिए है। खास बात ये है कि बायोपिक की घोषणा इलेक्शन रिजल्ट के ठीक एक दिन पहले यानी 3 जून को की गई है।

सिद्धार्थ रॉय कपूर ने की तारीफ

बायोपिक की सूचना सोशल मीडिया पर जारी की गई, जिसमें सिद्धार्थ राय कपूर ने कहा, “हम अपने नेशनल हीरोज में से एक सुकुमार सेन के जीवन पर बायोपिक बनाने को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं। सुकुमार सेन ने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”

सुकुमार सेन का योगदान

सुकुमार सेन के कामों की सराहना करते हुए उन्होंने आगे कहा, “अशिक्षा से निपटने के लिए अलग-अलग चुनाव चिह्न और रंगों द्वारा राजनीतिक दलों की पहचान करने के सिस्टम से लेकर गड़बड़ियों से बचने के लिए अंगुली पर अमिट स्याही लगाने की सोच तक… उनके कई इनोवेशन आज भी लागू हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करने में सुकुमार सेन का अहम योगदान है, उनकी सराहना की जानी चाहिए।”

सुकुमार सेन के पोते

बायोपिक को लेकर सुकुमार सेन के पोते संजीव सेन ने कहा, “एक राष्ट्र के रूप में भारत की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक इसका सफल लोकतंत्र रहा है। सभी लोकतंत्रों की नींव स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव है और इस चुनावी प्रक्रिया की नींव रखने का श्रेय सुकुमार सेन को जाता है, जो मेरे दादा और स्वतंत्र भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे।”

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