मुखिया संघ के सम्मेलन में मुखिया को किया गया सम्मानित, जिला परिषद अध्यक्ष और उप विकास आयुक्त पहुंचे

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जमशेदपुर । जिला शिक्षा विभाग की ओर से जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन सिदगोड़ा टाउन हॉल में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू, उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान मौजूद थे. इसके अलावा जिला परिषद सदस्य, जिला के सभी पंचायतों के मुखिया शामिल हुए. डीईओ मनोज कुमार, डीएसई आशीष पांडेय आदि भी मौजूद थे. मौके पर बेहतर कार्य करने वाले मुखिया को जिला परिषद अध्यक्ष की ओर से सम्मानित भी किया गया. जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू ने कहा कि पंचायत क्षेत्र के संपूर्ण विकास में मुखिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. विकास कार्यों का क्रियान्वयन हो या शिक्षा, स्वास्थ्य या अन्य जनोपयोगी कार्य तथा सरकारी संस्थाओं से आमजनों को मिलने वाली सेवायें और सुविधायें. इन सभी का सतत पर्यवेक्षण कर अपना योगदान दें. शिक्षा के क्षेत्र में भी कार्य करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. पंचायत जनप्रतिनिधि आमजनों के लिए सुलभ भी होते हैं ऐसे में जरूरी है कि अपने पंचायत में शिक्षा की स्थिति पर निगरानी रखें. स्कूल समय पर खुले. बच्चे रोजाना विद्यालय जाएं. शिक्षकों की नियमित उपस्थिति का सतत पर्यवेक्षण करें. अज्ञानता के कारण कई बार माता-पिता बच्चों को स्कूल नहीं भेजते. उन्हें भी शिक्षित करें तथा बच्चे अपनी उच्च शिक्षा पूरी करें. ड्रॉप आउट नहीं हो इस दिशा में पहल करें. बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की सलाह माता-पिता को दें. कोई निर्धन-अनाथ बच्चा हो तो उन्हें गोद लें और मदद करें ताकि उनका भविष्य सुरक्षित और संरक्षित हो सके. उप विकास आयुक्त ने कहा कि कैसे एक पंचायत के मुखिया ने अपने नेतृत्व में पूरे पंचायत का परिवेश बदल दिया. पंचायतों में बने ज्ञान केन्द्र को तकनीक से जोड़कर बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि जगाने तथा माता-पिता को भी शिक्षा की महत्ता के प्रति जागरूक करने की अपील की. विकास कार्य की तरह शिक्षा का क्षेत्र भी अछूता नहीं रहे. आपके प्रयासों से, सामूहिक प्रयास एक बड़े बदलाव की संभावना को प्रबल करती है. मुखिया से अपने पंचायत क्षेत्र के विद्यालयों का सतत निरीक्षण, अनुश्रवण करने की अपील की. इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य बेहतर हो सकेगा. नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, समग्र शिक्षा एवं नई शिक्षा नीति पंचायत प्रतिनिधि/स्थानीय प्राधिकार को महत्पूर्ण कार्य दिए गए हैं. स्थानीय प्राधिकार को 03-18 आयु वर्ग के सभी बच्चों का शिशु पंजी अद्यतीकरण, नामांकन, ठहराव एवं 12वीं कक्षा तक शिक्षा पूर्ण कराने की जिम्मेदारी दी गई है.

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