विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच 6 मिनट ही बोले हेमंत, हासिल किया विश्वासमत…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा के विशेष सत्र में हंगामे के बीच विश्वासमत हासिल कर लिया। सरकार के पक्ष में 45 मत पड़े। इसके पहले नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने विधानसभा में अपने भाषण के दौरान इंडिया गठबंधन सरकार पर निशाना साधा। मगर, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भाषण देने के लिए खड़े हुए तो विपक्षी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। इससे हेमंत सोरेन अपना भाषण नहीं दे पाए और महज छह मिनट बोलने के बाद वह बैठ गए। विधानसभा अध्यक्ष भी विपक्षी विधायकों को समझाते हुए थक गए। लेकिन, हेमंत सोरेन के भाषण खत्म करने के बाद विधायकों का हंगामा थम गया और इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने फौरन विश्वासमत पर वोटिंग करा दे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग सरकार के विश्वासमत के खिलाफ हैं वह न कह कर खड़े हो जाएं और इसी के बाद वोट गिन लिए गए। सरकार को 45 वोट मिले और विपक्ष को 22।
एक ही गाड़ी से निकले सीएम हेमंत व विधायक पत्नी कल्पना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्वासमत हासिल करने के बाद विधानसभा गाड़ी से अपने आवास के लिए निकले। हेमंत सोरेन गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर थे। उनके बगल में गांडेय की विधायक कल्पना सोरेन थीं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की सक्रिय राजनीति में प्रवेश हुआ है। अब कल्पना अपने पति के साथ लगातार रह रही हैं। चाहे विधानसभा में आना हो या फिर यहां से वापसी हो कल्पना सोरेन हेमंत के साथ रहती हैं। इसके पहले जब राजभवन में हेमंत ने सीएम पद की शपथ ली तो भी उनके साथ कल्पना सोरेन थीं। यही नहीं, जब सीएम हेमंत सोरेन सीएम पद की शपथ लेने के बाद प्रोजेक्ट भवन में प्रभार लेने पहुंचे तो भी कल्पना उनके साथ ड्राइविंग सीट के बगल में बैठी थीं।
जनवरी में समाप्त हो रहा है कार्यकाल
झारखंड सरकार का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है। इसके पहले ही चुनाव हो जाएगा। शायद चुनाव की तारीख का एलान सितंबर में कर दिया जाएगा। इससे साफ है कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल तीन महीने के आससपास ही बचा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव किया वादा पूरा करना है जबकि, उनके पास वक्त कम है। सरकार की शुरुआत में कोरोना आ गया और सरकार को वादे पूरा करने का मौका नहीं मिला। सरकार कुछ पटरी पर आई तो ईडी ने सीएम की टेंशन बढ़ा दी। आखिरकार सीएम को जेल भेज दिया गया। इससे झामुमो सरकार डिस्टर्ब हो गई। अब जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए हैं वह चुनावी वादा पूरा करने में जुट गए हैं। ऐसा दिखाया जा रहा है।