सीबीएसई द्वारा शिक्षकों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का हुआ समापन
घाटशिला। संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर की न्यू बिल्डिंग में ‘क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘ के तहत, सीबीएसई के अंतर्गत उत्कृष्टता केंद्र, पटना के संयोजन द्वारा शिक्षकों के लिए दो दिवसीय’ आंकलन और मूल्यांकन प्रथाओं को मजबूत करने ‘ पर आधारित ऑफ़लाइन प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। इसमें छब्बीस वर्षों की अनुभवी शिक्षाविद्, बाल्डविन स्कूल कदमा की प्राचार्या , जे एस एस सी , सीबीएसई की अध्यक्ष तथा बिहार और झारखंड में विज्ञान विषय की विशेषज्ञ डॉ. सुभोश्री सरकार एवं वाइस प्रिंसिपल, एनएमएल केरला पब्लिक स्कूल एग्रीकॉ जमशेदपुर, शिक्षा के क्षेत्र में बीस वर्षों की अनुभवी श्रीमती रजनी शर्मा संसाधक के रूप में उपस्थित रहीं । दूसरे दिन के प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत पूर्व के मुख्य बिंदुओं की पुनरावृत्ति कर की गई। उपरांत ‘ सब्जेक्ट एनरिचमेंट ‘ एवं उसके उद्देश्य के बारे में बताकर सभी विषयों के शिक्षकों से गतिविधि द्वारा ‘विषय संवर्धन ‘का प्रारूप तैयार करवाया गया। ‘ ब्लूम टैक्सॉनमी ‘ को भी सचित्र बताया गया। आंकलन और मूल्यांकन में अंतर बताते हुए असेसमेंट को ‘इंक्रीज द क्वालिटी’ और इवेलुएशन को ‘जज द क्वालिटी ‘ बताया गया।साथ ही योग्यता आधारित शिक्षा,टीचर एनर्जीजेड रिसोर्स मैन्युअल ( टी.ई.आर.एम ), सभी विषयों के लर्निंग स्टैंडर्ड फ्रेमवर्क पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। दोनों रिसोर्स पर्सन ने ‘ अपने विद्यार्थियों को जाने ‘ ( नो योर स्टूडेंट )एवं अपने विषय को वास्तविक जीवन से जोड़ने पर विशेष बल दिया। इनके द्वारा कक्षा दसवीं के अनिवार्य, वैकल्पिक,कौशल आधारित, अतिरिक्त विषयों,कक्षा छठीं से ग्यारहवीं तक के कौशल आधारित विषयों एवं उनके अंकों पर भी प्रकाश डाला गया। इसके उपरांत सह-शैक्षिक गतिविधि, कला एकीकृत शिक्षा, स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा के महत्व, उद्देश्य एवं उनके ग्रेड निर्धारण के नियमों को भी साझा किया गया। अंत में कक्षा नौवीं एवं दसवीं के रिपोर्ट कार्ड के अंतर स्पष्ट करते हुए दसवीं के ‘रिपोर्ट कार्ड ‘ के ग्रेड एवं आधार के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। विभिन्न प्रशिक्षण केंद्र ‘निष्ठा’, सीबीएसई ऑनलाइन प्रोग्राम एवं अन्य प्रशिक्षण लिंक की भी जानकारी दी गई।