देखिए मुख्यमंत्री जी, आपके गृह जिले में ही सिविल सर्जन भ्रष्टाचार के आरोपी लिपिक को छ: वर्षों से दे रहे थे संरक्षण, आरटीआई कार्यकर्ता ने सिविल सर्जन की खोली पोल…
सरायकेला खरसावां :- आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आरटीआई कार्यकर्ता श्री बबलू कालुंडिया ने सिविल सर्जन , सरायकेला खरसावां का पोल खोलते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी संगणक (लिपिक)श्री कुलदीप घोषाल को अन्यत्र जिला में स्थानांतरण करने की मांग की है। श्री कालुंडिया ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से सिविल सर्जन सरायकेला- खरसावां को कुल चार बिंदुओं पर अपना सवाल पृच्छा किये थे ,जिसमें श्री कुलदीप घोषाल पर भ्रष्टाचार का मुकदमा सत्र न्यायालय सरायकेला में विचाराधीन होने का मामला प्रकाश में आया है। बात तब खास बन जाता है जब आरोपी पर मुकदमा दर्ज होने एवं दर्ज आरोप के कारण कारावास जाने के बाद भी उनका स्थानांतरण किसी दूसरे कार्यालय में नहीं किया जाता है ताकि भ्रष्टाचारी जेल से वापस लौट कर अपने ऊपर लगे सारे आरोपों के सबुतों को आसानी से मिटा सके।
मामला सिविल सर्जन ऑफिस सरायकेला-खरसावां का है, विदित हो कि वर्ष 2018 में सत्र न्यायालय सरायकेला के समक्ष केस संख्या-000147/2018 के द्वारा श्री कुलदीप घोषाल , संगणक, सिविल सर्जन ऑफिस सरायकेला पर संगीन अपराधिक मामलों पर मुकदमा दर्ज हुआ , जिसके कारण उन्हें जेल जाना पड़ा था, श्री घोषाल वर्तमान जमानत पर बाहर हैं जिनपर मुकदमा सत्र न्यायालय के समक्ष न्यायिक प्रक्रिया के अन्तर्गत विचाराधीन है। छः वर्ष बीत जाने के बाद भी श्री घोषाल का स्थानान्तरण अबतक नहीं हुआ है, बल्कि इसके उलट उन्हें जिला स्तरीय टेंडर एवं कर्मचारियों की नियुक्ति तथा ट्रांसफर पोस्टिंग जैसी मालदार फाइलें डील करने के लिए उन्हें संचिकाएं सोंपा गया है ,जबकि किसी भी मामले में सरकारी कर्मियों पर किसी भी न्यायालय में मुकदमा दर्ज होने के उपरांत सर्वप्रथम विभागीय अधिकारियों का कर्तव्य होता है कि विभागीय कार्रवाई के तहत उनका स्थानांतरण अन्यत्र कार्यालय में किया जाय ताकि सबुतों पर छेड़- छाड़ न हो और सरकारी पद का दुरुपयोग आरोपी द्वारा नहीं किया जा सके।
आरटीआई कार्यकर्ता श्री बबलू कालुंडिया ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सत्र न्यायालय सरायकेला में चल रहे मुकदमा का पर्दाफाश करते हुए श्री घोषाल का स्थानांतरण किसी दूसरे जिले में तुरंत करने की मांग मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी- सह- सचिव, झारखंड से किया था। श्री कालुंडिया के आवेदन पर त्वरित संज्ञान लेते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने श्री घोषाल का स्थानान्तरण करने की स्वीकृति दी है एवं उपायुक्त सरायकेला- खरसावां को आगामी चुनावों के मद्देनजर श्री घोषाल का स्थानान्तरण करने सम्बन्धी आदेश दिया गया है। उपयुक्त सरायकेला खरसावां ने अपने पाले से गेंद सिविल सर्जन सरायकेला -खरसावां को बढ़ा दिए हैं, देखना दिलचस्प होगा कि सिविल सर्जन के संरक्षण में पल- बढ़ रहे श्री कुलदीप घोषाल का स्थानांतरण अपने ही कलम से सिविल सर्जन साहब करते हैं या चुनावी आचार संहिता का इंतजार करेंगे । ताकि चुनावी आचार संहिता लागू हो जाने पर आचार संहिता के नियमों का धौंस दिखाकर सिविल सर्जन साहब पूर्व की भांति श्री कुलदीप घोषाल के स्थानांतरण पर पूर्ण विराम लगा दे और आरोपी को दूसरी पारी खेलने का मौका मिलता जाए।
बता दें कि खबर लिखे जाने तक इस मामले में सिविल सर्जन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है । इस मामले में बात करने की भी कोशिश की गई लेकिन सिविल सर्जन से संपर्क नही हो सका।