प्रोफेसर रणजीत प्रसाद कई वर्षो तक शिक्षा के क्षेत्र में सेवा देने के बाद हुए सेवा निवृत
जमशेदपुर : प्रोफेसर रणजीत प्रसाद 24 वर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर में एवं उससे पुर्व 14 वर्ष पोस्ट ग्रेजुएट सेंटर, टाटा कॉलेज चाईबासा में शिक्षक के रुप में सेवा देने के बाद आज 31 जनवरी 2024 को सेवा निवृत्त हो गए।
डॉ प्रसाद एनआईटी जमशेदपुर के मेटलर्जी विभाग में दो बार विभागाध्यक्ष रहे। शिक्षा मंत्रालय के महत्वपूर्ण कार्यक्रम उन्नत भारत अभियान झारखंड के समन्वयक रहे। एनएसएस के समन्वयक रहते हुए एमआईटी के छात्र-छात्राएं को साथ लेकर आयडा के उद्योगों का सर्वे, ब्लड डोनेशन कैंप, पौधा रोपण जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम करवाए। एनआईटी मेडिकल विभाग का प्रभारी रहते हुए डिसपेंसरी को सुचारु किए। मेटलर्जी विभाग के छात्रों का टेक्निकल फेस्ट टेकनीका का सफलता पुर्वक आयोजन करवाए।
वे वर्तमान में पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत पर्यावरण आकलन समिति के विशेषज्ञ सदस्य, डॉ भीमराव आम्बेडकर टेक्निकल विश्वविद्यालय, रायगढ़, महाराष्ट्र के सिनेट सदस्य, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ उड़िसा एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालय, रांची के मेटलर्जी विभाग के बॉर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य हैं।
साथ ही साथ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के तकनीकी विभाग के अखिल भारतीय सह संयोजक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ झारखंड प्रदेश के अभिलेखागार प्रमुख हैं।
1999 दिसम्बर में आरआईटी जमशेदपुर ज्वाइन किया। आईआईटी को एनआईटी बनाने के लिए कार्य किया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के शिक्षक संघ के कार्यकारिणी सदस्य, सचिव एवं अध्यक्ष रहे। शिक्षक एवं शिक्षकेत्र कर्मचारियों के संगठन टेक्नॉलॉजी क्रेडिट सोसायटी के कार्यकारिणी सदस्य एवं अध्यक्ष रहे। एडभांसमेंट इन मेटेरियल्स प्रोसेसिंग पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी (National Conference) एवं कार्यशाला आयोजित किए।
प्रोफेसर रणजीत प्रसाद ने तीन छात्रों को पीएचडी करवाया है तथा तीन का शोध अंतिम चरण में है। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में 60 से अधिक शोध लेख प्रकाशित किया है। तीन किताबें लिखी हैं।
डं प्रसाद के समाजिक जीवन की बात करें तो विद्यार्थी जीवन में चाईबासा में आपातकाल के बाद सिंहभूम जिला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अविभाजित सिंहभूम जिला के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह रहे।
वर्तमान पश्चिम सिंहभूम जिला में विद्यार्थी परिषद के प्रथम सदस्य बनकर विद्यार्थी परिषद के कार्य को आगे बढ़ाने में योगदान दिया।
पश्चिम सिंहभूम जिला में दीनदयाल शोध संस्थान के स्थापना के समय से जुड़े रहे।
वनवासी कल्याण केंद्र एवं वनवासी आश्रम संस्था से जुड़कर गोईलकेरा कुईड़ा, सोनुआ क्षेत्र में रामनवमी को लोकप्रिय बनाने एवं स्वास्थ्य केन्द्र स्थापना में योगदान दिया।
रामनवमी को सुचारु एवं व्यवस्थित रुप से आयोजित करनें के लिए चाईबासा में महावीर मंडल का स्थापना किया।
कोल्हान क्षेत्र में प्रतियोगिता का वातावरण बनाने के लिए ‘मानव संसाधन विकास संस्थान’ के नाम से स्वयं सेवी संस्था आरंभ किया जिसके तहत चाईबासा में पहला कम्प्यूटर सेंटर क्लास कम्प्यूटर एवं डॉ अम्बेडकर ट्यूटोरियल का स्थापना किया। पुस्तक मेला का आयोजन किया। विरसा जयन्ति एवं अम्बेडकर जयन्ति वृहत रुप से मना कर छात्र-छात्राओं के लिए प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन कर शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देने का कार्य किया।
श्रीराम जन्म भूमि के आन्दोलन का नेतृत्व करते हुए तत्कालिन सिंहभूम जिला से लगभग दो सौ कारसेवकों को अयोध्या भेजा। वे आन्दोलन के दौरान जेल भी गए।
आज मेटलर्जी विभाग में उप निदेशक प्रो राम विनय शर्मा, विभागाध्यक्ष प्रो अशोक कुमार एवं अन्य शिक्षक-शिक्षिका की उपस्थिति में विदाई समारोह का आयोजन किया गया।
उन्नत भारत अभियान से जुड़े छात्र एवं प्रोफेसर नें समन्वयक डॉ कनिका प्रसाद के नेतृत्व में भी इस अवसर पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया।