टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क होगा घड़ियाल और मगरमच्छों का नया घर

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जमशेदपुर: टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क आज घड़ियालों और मगरमच्छों के लिए नया घर बन गया है, जिससे नए साल में आगंतुकों के लिए सुविधाएं और अधिक दिलचस्प हो जाएंगी। बाड़ों का उद्घाटन आज चाणक्य चौधरी, वाईस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील और टाटा स्टील जूलॉजिकल सोसाइटी के अध्यक्ष ने अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में किया।

नए घरों का निर्माण पशु कल्याण के लिए उनकी जैविक आवश्यकताओं के अनुसार सभी आवश्यक मापदंडों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है जैसे कि पर्याप्त बास्किंग एरिया, जल निकाय, बीमार/नए आने वाले जानवरों के लिए अलग तालाब, वाटर फिल्टरेशन यूनिट सहित हैचलिंग केयर पौंड आदि।

घड़ियाल तालाब 300 वर्ग मीटर का है और इसकी जल धारण क्षमता 7.5 लाख लीटर है, जबकि मगर (मार्श मगरमच्छ) तालाब का आकार 320 वर्ग मीटर है और इसकी जल धारण क्षमता 3.2 लाख लीटर है।

ग्रीन ज़ू के बाद, बचाव और पुनर्वास केंद्र, जामनगर, गुजरात; टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क भारत में दूसरी सुविधा है जहां घड़ियाल और मगरमच्छ के घरों/बाड़ों में वाटर फिल्टरेशन प्लांट (सिस्टम) स्थापित किया गया है। इसके अलावा, पूर्वी क्षेत्र में पहली बार, जमशेदपुर के लोग घड़ियाल और मार्श मगरमच्छ के “ग्लास व्यू” घरों/बाड़ों का आनंद ले सकेंगे।
नार्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल पार्क, सिलीगुड़ी से घड़ियालों के एक जोड़े के नए आगमन के साथ आगंतुक घड़ियालों के समूह का भी आनंद ले सकते हैं। इससे पहले वर्ष 1997 में, नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क, भुवनेश्वर, ओडिशा से चार घड़ियाल और दो मार्श मगरमच्छ लाये गए थे।

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