जमशेदपुर : चोर-लुटेरे, झपटमार मस्त, जमशेदपुर पुलिस हेलमेट चेकिंग में व्यस्त,चोरी करने के पहले किचन में जा कर खाया चिकन चिल्ली, फिर किया हाथ साफ

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जमशेदपुर: सीदगोड़ा थाना के अंतर्गत चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वैसे तो चोरों के आतंक से पूरा जमशेदपुर ही त्रस्त है, लेकिन इस इलाके में हो रही ताबड़तोड़ चोरियां पुलिस को जरा भी परेशान नहीं कर रही। क्योंकि उन्हें तो सरकार के आदेश के तहत हेलमेट चेकिंग अभियान में सड़कों पर खड़ा कर दिया गया है। बेचारे पुलिस वाले पब्लिक को हेलमेट के नाम पर लूट कर सरकारी खजाने में धन जमा कराने में व्यस्त हैं और इधर चोर, झपटमार और अपराधकर्मी चांदी काट रहे हैं।

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न्यू बारीडीह इलाके में मशहूर चित्रकार और टाटा स्टील कर्मी नीलाद्री सेन के घर पर चोरों ने तब हाथ साफ कर दिया जब वे नाइट शिफ्ट ड्यूटी पर गए थे। घर में पत्नी और बेटी मौजूद थी लेकिन उनकी मौजूदगी को धता बताते हुए चोर आराम से घर में घुसे, स्प्रे मारकर घरवालों को बेहोश किया और किचन से चिकन चिल्ली खाकर, माल समेट कर चलते बने। सुबह मां बेटी की आंखें खुली, तो उल्टी आने लगी। बाहर निकल कर देखा तो घर के ताले टूटे हुए थे। आनन-फानन में कारखाने में फोन मिलाया गया, पति नीलाद्री सेन ने अपने पड़ोसियों और मित्रों को खबर दी, तब जाकर पता चला कि घर में रात चोरी की बड़ी वारदात हो गई है।

इस घटना को बीते कुछ ही मिनट गुजरे होंगे कि सुबह 5:30 बजे ट्यूब कॉलोनी बारीडीह में मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर और शहर के जाने-माने साहित्यकार डॉ आशुतोष कुमार झा के घर का पिछला लोहे का दरवाजा चोरों ने तोड़ डाला। संयोग अच्छा था कि आशुतोष झा सुबह जाग गए थे तो शोर सुनकर जब घर के पीछे आए और यह दृश्य देखा तो हल्ला गुल्ला करने लगे। पड़ोसी भी जाग उठे। इतने में चोर नौ दो ग्यारह हो गए। उनकी किस्मत अच्छी थी कि उनके यहां चोरी होने से पहले ही वारदात की रोकथाम हो गई। अन्यथा कितना और क्या-क्या नुकसान उठाना पड़ता। संपर्क करने पर पता चला कि इस इलाके में चोरों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे बेरोकटोक दिनदहाड़े घर में घरवालों की मौजूदगी में ही घर का दरवाजा, खिड़की, वेंटिलेटर अथवा ताला तोड़ दिया करते हैं और अपना काम करके आराम से निकल भी जाते हैं।

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आम नागरिक अपने साथ ऐसी घटना होने पर पुलिस के पास संपर्क करने जाता तो अवश्य है। मगर थाने में होता क्या है, यह अलग से बताने की जरूरत नहीं है। फिलहाल जमशेदपुर पुलिस अपने स्कोर बोर्ड में शहर में हो रही चोरियों की संख्या गिन रही है। पता नहीं उसकी आंखें शतक के बाद खुलेगी या दोहरा-तिहरा शतक जमाने का भी इरादा है। वैसे इलाके के बुजुर्गों ने बताया कि पुलिस अपने काम में माहिर है और चाहे तो 3 दिनों के भीतर चोरी की वारदात पर पूरी तरह लगाम लगा सकती है। मगर असली सवाल यह है कि वह ऐसा चाहेगी तब ना!

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