शिवसेना नेता संजय राउत को राहत नहीं, 8 अगस्त तक रहेंगे ईडी की हिरासत में
Money Laundering Case: पात्रा चॉल जमीन घोटाले में घिरे शिवसेना सांसद संजय राउत की मुसीबत बढ़ती जा रही है। अब विशेष अदालत ने राउत की हिरासत को आठ अगस्त तक बढ़ा दिया है। कोर्ट के आदेश पर उन्हें आठ अगस्त तक ईडी की रिमांड में रहना है। ईडी के अधिकारियों ने राउत को बीते रविवार को उनके घर से गिरफ्तार किया था। अरेस्टिंग से पहले राउत से करीब 6 घंटे की पूछताछ भी की गई थी।
बता दें कि पात्रा चॉल जमीन घोटाला मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना के सांसद संजय राउत बुरी तरह मुश्किल में फंस गए हैं। बीते रविवार को ईडी के अधिकारियों ने उनके घर की तलाशी ली और करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। ईडी कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पहले 4 अगस्त तक रिमांड में भेजा गया।
ईडी ने पीएमएलए कोर्ट से राउत की आठ दिनों की हिरासत मांगी थी लेकिन कोर्ट ने चार दिनों की हिरासत की मंजूरी दी। पिछली सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि संजय राउत और उनकी पत्नी वर्षा के खाते में एक करोड़ रुपए भेजे गए। दादर फ्लैट के लिए 37 लाख रुपए ट्रांसफर हुए। ये पैसे प्रवीण की कंपनी से भेजे गए। पैसों के हेरफेर में राउत परिवार को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाया गया।
ईडी के सामने तीन बार पेश नहीं हुए राउत
मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने राउत को तीन बार बुलाया था लेकिन वह उसके सामने पेश नहीं हुआ। इसके बाद ईडी के अधिकारी राउत के घर पर पहुंचे और उनसे पूछताछ की। पूछताछ में शिवसेना नेता अपने परिवार की संपत्तियों से जुड़े सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। वे बड़े सवालों को टालते रहे। गिरफ्तारी के बाद अपनी एकजुटता दिखाने के लिए पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे राउत के घर गए और उनके परिजनों से मुलाकात की।
क्या है मामला
दरअसल, यह पूरा मामला पात्रा चॉल जमीन खरीद से जुड़ा है। यह 1,039 करोड़ रुपये के घोटाला का मामला है। मुंबई पश्चिमी उपगनर के गोरेगांव स्थित सिद्धार्थ नगर के पात्रा चॉल के 47 एकड़ जमीन पर 672 परिवारों के घरों के पुनर्विकास के लिए साल 2007 में सोसायटी द्वारा महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंड अथॉरिटी (म्हाडा) और गुरू कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। इस करार के तहत कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर म्हाडा को देने थे। उसके बाद बची हुई जमीन प्राइवेट डेवलपर्स को बेचनी थी। डीएचआईएल के राकेश वधावन, सारंग वधावन, प्रवीण राउत और गुरू आशीष इस कंपनी के निदेशक थे। आरोप है कि कंपनी ने म्हाडा को गुमराह कर पात्रा चॉल की एफएसआई 9 अलग-अलग बिल्डरों को बेच कर 901 करोड़ रुपये जमा किए। उसके बाद मिडोज नामक एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर फ्लैट बुकिंग के नाम पर 138 करोड़ रुपये वसूले गए। लेकिन 672 लोगों को उनका मकान नहीं दिया गया। इस तरह पात्रा चॉल घोटाले में 1039.79 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ।
पात्रा चॉल का संजय राउत कनेक्शन
गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक रहे प्रवीण राउत, संजय राउत के करीबी हैं। ईडी ने प्रवीण को फरवरी 2022 में गिरफ्तार कर लिया था। बताते हैं कि पात्रा चॉल घोटाले से प्रवीण ने 95 करोड़ रुपये कमाए और वह पैसा अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बांटा था। इसमें से 55 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में आए थे। इस रकम से राउत ने दादर में फ्लैट खरीदा था। इससे पहले अप्रैल माह में ईडी के अधिकारियों ने संजय राउत की पत्नी और करीबियों की करीब 11 करोड़ की संपत्ति जब्त दी थी।