व्याख्यान माला के पंद्रहवें अध्याय में “किशोरावस्था में आध्यात्मिक शिक्षा द्वारा नैतिक मूल्यों का सृजन” विषयक व्याख्यान आयोजित
अध्यात्मिक शिक्षा नैतिक मूल्यों की जननी – डॉ. कुमारी अनुराधा
जमशेदपुर (संवाददाता ):-वर्कर्स कॉलेज, जमशेदपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा । इस निमित्त महाविद्यालय द्वारा विभिन्न विषय-विशेषज्ञों के साथ भिन्न-भिन्न विषयों को लेकर निरंतर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । आज व्याख्यान माला श्रृंखला के पंद्रहवें अध्याय में “किशोरावस्था में आध्यात्मिक शिक्षा द्वारा नैतिक मूल्यों का सृजन” विषयक व्याख्यान आयोजित किए गए । व्याख्यान को मुख्य वक्ता रूप में जमशेदपुर विमेंस कॉलेज, जमशेदपुर के एम.एड डिपार्टमेन्ट (शिक्षा निष्णात) की प्राध्यापक डॉ. कुमारी अनुराधा ने संबोधित किया । उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान की नई शिक्षा नीति अध्यात्मिक शिक्षा को बल देती है । निश्चित रूप से यह नीति आने वाले दिनों में नए भारत एवं युवा भारत में नैतिक मूल्यों का समावेश करेगा और एक दिन हमारा भारत निश्चितरूपेण समृद्धशाली और विश्व गुरु बनाएगा । वर्तमान समय में देखा जाए तो ऐसे कई प्रसंग देखने को मिलते हैं जहां बड़े से बड़े पद पर आसीन लोग अनैतिक रुप से भ्रष्ट आचरण कर रहे हैं, स्वार्थ की लौलुपता में डूबे हुए हैं । ऐसा कहीं न कहीं उनमें नैतिक मूल्यों के पतन के फलस्वरुप ही होता है । अतः वर्तमान समय में हमारे पाठ्य सामग्री में नैतिक मूल्यों का समावेश होना वर्तमान समय की आवश्यकता है । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० सत्यप्रिय महालिक ने व्याख्यान माला श्रृंखला के पंद्रहवें अध्याय का उद्घाटन करते हुए अपने स्वागत वक्त में मुख्य वक्ता डॉ. कुमारी अनुराधा का स्वागत किया एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं प्रेषित की । साथ ही व्याख्यान माला श्रृंखला के सोलहवें अध्याय की रुपरेखा प्रस्तुत की । कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन प्राध्यापक प्रो० भवेश कुमार ने एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग की अध्यक्षा डॉ. लाडली कुमारी ने की । इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक, प्रधान लिपिक, शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र प्रतिनिधि सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।