ट्रस्टी भ्रमित करने का कार्य न करें, प्रधान साहब की इस्तीफे की माँग पर संगत अब भी कायम

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जमशेदपुर (संवाददाता ):-सीतारामडेरा थाना अंतर्गत शहीद बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा साहिब में बैसाखी के दिन 14 अप्रैल को गुरुद्वारा के कार्यकारी प्रधान द्वारा संगत विरोधी निर्णय लेते हुए बर्खास्त सुरजीत सिंह को मंच पर भेजने के निर्णय को संगत ने अकाल तख्त पटना साहिब जी के फरमान की बेअदबी करने और संविधान के उलंघन करने के कारण प्रधान साहब से इस्तीफा माँगे जाने पर गुरुद्वारा कमेटी द्वारा गलत बयानबाजी करते हुए संगत को असामाजिक तत्व कहे जाने का रोष संगत में देखने को मिला। संगत ने अपने बयान में कहा कि हम संविधान की बात करते हुए नियमों के हिसाब से कार्य करने की बात कहना कोई गुनाह नहीं है। संगत ने अपनी बात रखते हुए कहा सरदार सुरजीत सिंह को सेवा करने से नहीं रोका जा रहा लेकिन बर्खास्त व्यक्ति को मंच पर बयानबाजी करने का अधिकार संविधान द्वारा नहीं दिया गया है। सरदार सुरजीत सिंह के कथन अनुसार दस सालों में कमेटी ने दस्तार बंदी में बड़ा योगदान दिया है तो संगत यह जानना चाहता है कि आज तक कमेटी के कैशियर को दस्तार क्यों नहीं सजाया गया। इन सभी मामलों में संगत पारदर्शिता चाहती है और संगत के बीच जो ट्रस्टी के नाम लेकर भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है उसमें संगत यही कहना चाहती है कि ट्रस्टी पहले यह देखे की संगत संविधान के विरुद्ध कोई बात कह रही है यह संविधान के अंतर्गत जो लिखा गया है उसका पालन कर रही है। ट्रस्टी का औहदा संगत को भ्रमित करने का नहीं होता है, ट्रस्टी को यदि इस मामले में कोई बात कहनी भी है तो गुरुद्वारा में बैठ कर करना चाहिए, उन्हें इस तरह की बयान बाजी शोभा नहीं देता है। संगत प्रधान साहब से इस्तीफा चाहती है और इस बात पर कायम है।

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