Advertisements
Advertisements

बिक्रमगंज/रोहतास (संवाददाता ):– रविवार को कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास द्वारा विश्व मृदा दिवस मनाया गया । इस मौके पर पूरे जिले के 100 कृषकों ने भाग लिया । इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रभारी वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आर के जलज ने किया । उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि रोहतास जिले की मिट्टी बहुत उपजाऊ है । इसका उपजाऊपन बरकरार रखने के लिए किसानों को आज के समय में कई तरह के उपाय अपनाने होंगे । अपने खेतों में धान के पुआल को ना जलाएं इससे मृदा की उत्पादकता में बहुत ज्यादा मात्रा में ह्रास होता है । फसल अवशेषों को कुछ मात्रा में खेत की मिट्टी में मिलाना अति आवश्यक है । कार्यक्रम में उपस्थित मृदा वैज्ञानिक डॉ रामाकांत सिंह ने बताया कि पौधों की बढ़वार हेतु मिट्टी में 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है । इसकी उपलब्धता को बनाए रखने हेतु मृदा स्वास्थ्य का प्रबंधन सभी किसानों को करना चाहिए । वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग एवं साथ में जैविक उर्वरकों तथा फसल अवशेषो को मिट्टी में मिला कर प्रबंधन करना चाहिए । इससे मृदा का स्वास्थ्य बनेगा और फसल उत्पादन लाभदायक हो पाएगी । मृदा में आवश्यकता अनुसार ही रासायनिक दवाओं का प्रयोग करें एवं दवा के डब्बे पर लिखे हुए मात्रा का अनुपालन करें । मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने हेतु आवश्यक जीवाणु को मिट्टी में बनाए रखा जाए । कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार ने मृदा का महत्व बताते हुए कहा कि जैविक खादों का प्रयोग किसानों को सब्जी के फसलों में जरूर करना चाहिए । फलदार वृक्षों में प्रत्येक वर्ष फल तुड़ाई के बाद मृदा में जैविक खादों का इस्तेमाल करने से फलन क्षमता बढ़ जाती है एवं गुणवत्ता भी बढ जाती है । कृषकों में यशवंत सिंह, कमलेश कुमार, सूरज सिंह, नरेंद्र पासवान, रामनरेश पांडेय, अर्जुन सिंह, नीरज कुमार, अरविंद पांडेय, छोटेलाल निराला सहित कुल 100 लोग उपस्थित थे । विश्व स्वास्थ्य मृदा दिवस के मौके पर 50 कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी बांटा गया और आगे लगाने वाली फसलों के बारे में खाद एवं उर्वरक के व्यवहार के बारे में उनको जानकारी प्रदान की गई । कार्यक्रम में प्रवीण कुमार, वर्षा कुमारी, हरेंद्र प्रसाद शर्मा, सुबेश कुमार, राकेश कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे ।

Advertisements
Advertisements

You may have missed