वर्तमान से लेकर भविष्य तक सबकुछ सुरक्षित करती हैLIC की यह स्कीम।
जीवन बीमा निगम कई बेहतरीन बीमा योजनाओं के अलावा पेंशन योजनाओं की सुविधा भी अपने ग्राहकों को देता है। इन पेंशन योजनाओं के जरिए आप अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।इनमें एक योजना ऐसी भी है, आपके पूरे जीवन की आय का साधन बन जाती है। इसका नाम है LIC जीवन शांति योजना। यह एक एकल प्रीमियम योजना है जिसमें पॉलिसीधारक के पास तत्काल या स्थगित वार्षिकी चुनने का विकल्प होता है। पॉलिसी की शुरुआत में तत्काल और आस्थगित वार्षिकी दोनों के लिए वार्षिकी दरों की गारंटी दी जाती है और इनका पैसा पॉलिसीधारक को जीवनभर मिलता है।
इस प्लान को ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। ऑनलाइन प्लान खरीदने के लिए एलआईसी की वेबसाइट www.licindia.in पर लॉग इन करना होगा।
क्या होंगे फायदे
एकमुश्त निवेश में आजीवन आय की गारंटी।हर जरूरत और परिस्थिति के अनुरूप नौ अलग-अलग विकल्प।अगर आप पॉलिसी लेते समय संशय में हैं कि आपको तत्काल वार्षिकी लेनी है या आस्थगित वार्षिकी लेनी है तो आप भविष्य की कोई तारीख तय कर सकते हैं, जिसमें आप यह बताएंगे कि आपको पैसे किस आधार पर चाहिए।पॉलिसी की शुरुआत से वार्षिकी दरों की गारंटी है।आस्थगन अवधि के दौरान पैस जुड़ने की गारंटी।यह पॉलिसी स्वयं के जीवन पर या दादा-दादी, माता-पिता, बच्चों, पोते-पोतियों, जीवनसाथी या भाई-बहनों के साथ संयुक्त जीवन के रूप में ली जा सकती है।1 पॉलिसी वर्ष पूरा होने के बाद ऋण सुविधा भी उपलब्ध होगी।पॉलिसी के पूरा होने के तीन महीने बाद किसी भी समय पॉलिसी को सरेंडर किया जा सकता है जब वार्षिकी विकल्प खरीद मूल्य की वापसी के बराबर हो।विकलांग आश्रित (दिव्यांगजन) जीवन के लाभ के लिए यह योजना ले सकते हैं
फ्री लुक पीरियड
यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी के “नियम और शर्तों” से संतुष्ट नहीं है, तो पॉलिसी प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों (यदि यह पॉलिसी ऑनलाइन खरीदी जाती है) के भीतर पॉलिसी निगम को वापस की जा सकती है। इसके साथ आपको यह बताना होगा कि आप पॉलिसी क्यों वापस कर रहे हैं। ऐसा होने पर निगम पॉलिसी को रद्द कर देगा और स्टांप शुल्क और भुगतान की राशि में शुल्क की कटौती के बाद बाकी पैसा वापस कर देगा। हालांकि, यदि पॉलिसी क्यूआरओपीएस के रूप में खरीदी गई है, तो रद्द होने के बाद पैसे को केवल उस फंड हाउस में वापस ट्रांसफर किया जाएगा जहां से यह पैसा आया था।
पॉलिसी सरेंडर
पॉलिसी के पूरा होने के तीन महीने बाद यानी पॉलिसी जारी होने की तारीख से 3 महीने या फ्री-लुक अवधि की समाप्ति के बाद, जो भी बाद में हो, पॉलिसी को कभी भी सरेंडर किया जा सकता है।