बाढ़ पीड़ितों की कैसे कट रही जिंदगी राहत कैंप में दूध दवा नहीं मिलने से लोग परेशान।
साहिबगंज:- झारखंड के साहिबगंज में पिछले 5 दिनों से रसूलपुर दहला निचला टोला के दर्जनों परिवार अपने बच्चों एवं छोटे-छोटे जानवरों के साथ राहत कैंप में रह रहे हैं.स्कूल में ग्राउंड फ्लोर सहित दो तल्ला भवन है. जिसमें दर्जनों परिवार रह रहे हैं. राहत कैंप में इन्हें चूड़ा, गुड़ वगैरह तो मिल रहा है, लेकिन दूध और दवा नहीं मिल पा रही है. इससे इनकी परेशानी बढ़ी हुई है.
राहत शिविर में रह रहे महिला-पुरुषों ने बताया कि कुछ लोगों को चूड़ा-गुड़, माचिश, मोमबत्ती मिला. कुछ लोगों को अब तक ये भी नहीं मिला है. किसी तरह जीवन यापन व्यतीत कर रहे हैं. मेडिकल कैम्प भी नहीं लगा है, न ही कोई डॉक्टर उन्हें देखने आया है. वे बताते हैं कि छोटे-छोटे बच्चों को दूध भी नहीं मिल पा रहा है. चेहरा देखकर राहत सामग्री दी जाती है. बिजली भी बाढ़ क्षेत्र में कटी हुई है. जिससे घर में आने-जाने में परेशानी होती है. राहत कैंप में कई लोगों की तबीयत खराब है. बुजुर्ग को दवाई की जरूरत है. काफी मुश्किलों से जिंदगी कट रही है. स्कूल में ग्राउंड फ्लोर सहित दो तल्ला भवन है. जिसमें दर्जनों परिवार रह रहे हैं. राहत कैंप में इन्हें चूड़ा, गुड़ वगैरह तो मिल रहा है, लेकिन दूध और दवा नहीं मिल पा रही है. इससे इनकी परेशानी बढ़ी हुई है.
राहत शिविर में रह रहे महिला-पुरुषों ने बताया कि कुछ लोगों को चूड़ा-गुड़, माचिश, मोमबत्ती मिला. कुछ लोगों को अब तक ये भी नहीं मिला है. किसी तरह जीवन यापन व्यतीत कर रहे हैं. मेडिकल कैम्प भी नहीं लगा है, न ही कोई डॉक्टर उन्हें देखने आया है. वे बताते हैं कि छोटे-छोटे बच्चों को दूध भी नहीं मिल पा रहा है. चेहरा देखकर राहत सामग्री दी जाती है. बिजली भी बाढ़ क्षेत्र में कटी हुई है. जिससे घर में आने-जाने में परेशानी होती है. राहत कैंप में कई लोगों की तबीयत खराब है. बुजुर्ग को दवाई की जरूरत है. काफी मुश्किलों से जिंदगी कट रही है.