आपसी तालमेल बैठाने में जुटे पार्षद, सस्पेंस बरकरार,पांच पार्षद एकजुट हुए तो धनगाई के हाथों में हो सकता मुख्य पार्षद का कमान
बिक्रमगंज/रोहतास (संवाददाता ):-नगर की नई सरकार बनाने की कवायद तेज है।पार्षद जोड़तोड़ कर आपसी सामंजस्य बनाने में जुटे है।लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नही बनने से सस्पेंस अब भी बरकरार है।नगर परिषद के सभापति रबनवाज खा राजू पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव में धराशायी होने के बाद नगर में नई सरकार के गठन को लेकर सरगर्मी परवान पर है।नित दिन पार्षद कही न कही बैठके आयोजित कर एक दूसरे पर भरोसा जताने एवं समर्थन पाने के लिए जीतोड़ प्रयास कर रहे है।बताया जाता है कि 27 वार्डो वाला इस नगर परिषद क्षेत्र में पांच पार्षद अकेले ही धनगाई गांव से आते है।यहां पर पांच वार्ड है। छह,सात, आठ,नौ एवं दस नम्बर वार्ड ।जिसमे दलित व महादलित वर्ग से तीन महिलाएं तथा एक पिछड़े वर्ग से एक महिलाएं आती है।यानी यहां चार महिलाओं समेत एक पुरुष पार्षद निर्वाचित हुए है।एक दूसरे गुट को परास्त करने की तेज से चल रही राजनीति व गुटबाजी के मद्देनजर कयास लगाई जाने लगी है कि यह पाचो पार्षद एकजुट होकर किसी एक नाम पर अपनी सहमति बनाते है तो नगर के एक गुट के 11 पार्षदो का समर्थन मिल सकता है तथा नगर का कमान धनगाई के हाथों में हो सकता है।रणनीतिकार भी इससे इंकार नही करते है।क्योंकि चौसर का पासा कब किधर पलट जाय कहना अभी जल्दबाजी होगी।लेकिन समय के नजाकत को देखते हुए ऐसे अवसरों को कई पार्षद हाथ से फिसलने भी नही देना चाहते और बनते बिगड़ते राजनीतिक खेल को अपने खेमे में करने के लिए एक पार्षद पति ने अन्य चार पार्षदो के समक्ष प्रस्ताव रख चुनावी तपिस भी बढा दी है।बताया जाता है कि नगर के वार्ड नम्बर छह से सारिका देवी, आठ से राधिका देवी,वार्ड नम्बर नौ से चिंता देवी तथा दस से लाडली देवी यह चारो महिलाएं दलित महादलित व पिछड़े वर्ग से आती है।जबकि वार्ड नम्बर सात से ललन चौरसिया है और इन्हीं में से किसी एक पर दांव लगता है तो एक गुट के 11 पार्षदो का समर्थन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।बताया जाता है कि 11 और 5 मिलाकर नगर के नई सरकार गठन के लिए काफी है तथा बहुमत के आंकड़े से भी ज्यादा है।चारो महिलाओं में से एक नाम लाडली देवी का हवा में तेजी से तैर रहा है एवं नई रणनीति के अनुसार अन्य चार पार्षदों को एकजुट करने की कवायद भी तेजी से शुरू कर दिया गया है तथा रणनीतिकार अपने रणनीति को मूर्तरूप देने में भी जुट गए है।हालांकि जबतक नगर में नई सरकार का गठन नही हो जाता तबतक अटकलों पर विराम नही लगाया जा सकता।फिलहाल नई सरकार के गठन के लिए निर्वाचन आयोग से कोई तिथि अभीतक मुकर्रर नही हो पाया है।जिसको लेकर रस्साकशी नगर में बरकरार होता जा रहा है।