ओलिंपिक कोटा हासिल करने वाली बॉक्सर सिमरनजीत कौर का नाम अर्जुन अवार्ड के लिए नॉमिनेट

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स्पोर्ट्स (श्रुति शर्मा  ):- टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल करने वाली बॉक्सर सिमरनजीत कौर का नाम ऑल इंडिया बॉक्सिंग फेडरनेशन ने अर्जुन अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया है। सिमरनजीत ने 60 किलोग्राम वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल किया है। इससे पहले सिमरनजीत कौर वर्ष 2018 दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल हासिल किया था। लुधियाना के गांव चक्कर में रहने वाली सिमरनजीत कौर ने पिछले साल दैनिक जागरण से बातचीत में बताया था कि उन्होंने साल 2010 में गांव में खुली शेर-ए-पंजाब बॉक्सिंग एकेडमी से कोचिंग लेना शुरू किया थी। इसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा और पिछले कई सालों से लगभग हर प्रतियोगिता में मेडल जीतकर खुद को साबित किया।
साल 2013 में उन्होंने बुल्गारिया में आयोजित यूथ वल्र्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीता था। फिर उन्होंने मोहाली स्थित पंजाब इंस्टीट्यूट्स ऑफ स्पोट्र्स में कोचिंग ली।

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ओलंपिक के लिए कम किया था भार

इसी साल टोक्यो ओलंपिक -2021 चैंपियन सिमरनजीत कौर का अगला मिशन है। सिमरनजीत ने बताया कि ओलंपिक से पहले मैंने एक बाद एक कई मुकाबलों में जीत हासिल की है। यह जीतें मेरी लिए काफी अहम है, हर जीत के साथ मेरी जिम्मेदारी बढ़ी है। इसलिए अब मेरा मिशन ओलंपिक है। सिमरनजीत कौर ने बताया कि ओलंपिक में 64 वेट कैटेगरी के मुकाबले नहीं होते हैं, इसलिए उन्होंने अपना वेट 60 किलोग्राम किया अब मैं इसी वेट कैटेगरी में ओलंपिक में खेलुंगी। गौरतलब है कि वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिमरन ने 64 कैटेगरी में हिस्सा लिया था।

पिछले साल लिया था बलबीर सिंह सीनियर से आशीर्वाद

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पिछले साल ओलंपिक कोटा हासिल करने के बाद सिमरनजीत ने पद्मश्री स्वर्गीय बलबीर सिंह सीनियर से आशीर्वाद लिया था। इसी दौरान सीनियर ने सिमरनजीत को बताया था कि दो सौ साल की गुलामी के बाद जब लंदन ओलंपिक -1948 में भारतीय टीम खेलने गई तो कोई भी टीम इंडिया टीम को गंभीरता से नहीं ले रही थी। फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को 4-0 से हराया। अंग्रेजों की महारानी के सामने हमने उनका घमंड तोड़ा, यह पहला मौका था, जब आजादी के बाद किसी दूसरे देश में भारतीय तिरंगा लहराया था और राष्ट्रगान गूंजा था। इस शानदार जीत का जश्न उन सभी देशों में मनाया, जोकि कभी अंग्रेजों के गुलाम थे। सीनियर ने सिमरनजीत को कहा कि वह मेहनत करने के साथ विक्ट्री स्टैंड पर खड़े होकर मेडल लेने के सपने देखे, इससे उनमें सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।

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