आदित्यपुर नगर निगम अंतर्गत सीवरेज क काम पर पुरेन्द्र नारायण सिंह ने उठाया सवाल …कहा – बिल ज्यादा बनाने की जानकारी तीन वर्षों के बाद कैसे हुई ? आखिर तीन वर्षों से नगर निगम कार्यालय मे क्या कर रहे थे डिप्टी मेयर ?

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आदित्यपुर :-  आदित्यपुर नगर निगम अंतर्गत सीवरेज योजना का काम कर रही एजेंसी सापूरजी पालमजी एवं जलापूर्ति योजना का कार्य कर रही एजेंसी जिंदल पर आदित्यपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर द्वारा ज्यादा बिल बनाने के आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने डिप्टी मेयर से जानना चाहा कि उन्हें इस बात की जानकारी कब हुई कि दोनों एजेंसी ज्यादा बिल बनाने के चक्कर में सभी वार्डों में गड्ढे कर रही है? एजेंसी के पास हरेक स्तर पर मैन पावर की कमी है? क्योंकि एजेंसी तो पिछले लगभग 3 वर्षों से कार्य कर रही है।  अगर जानकारी पहले से थी तो इतनी देर से आवाज क्यों उठाया जा रहा है? और जानकारी नहीं थी तो आखिर 3 वर्षों से नगर निगम कार्यालय में बैठकर डिप्टी मेयर क्या कर रहे थे?

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पुरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि आदित्यपुर नगर निगम में कार्य कर रही एजेंसियों के बीच तालमेल नहीं होने और नगर निगम द्वारा सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण आम जनता पिछले 2 वर्षों से त्राहिमाम हैl उन्होंने कहा कि अभी तो दो एजेंसी को और आना बाकी है एक गैस पाइप लाइन बिछाने हेतु गेल इंडिया और दूसरी स्ट्रोम वाटर स्कीम को स्थापित करने वाली एजेंसी। उन्होंने कहा कि नगर निगम की अदूरदर्शिता और केंद्र सरकार द्वारा केंद्र प्रायोजित योजनाओं की अलग-अलग डीपीआर बनाने और अलग-अलग समय में पैसा देने के कारण लोगों को नारकीय जीवन जीने को विवश होना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं के लिए एक समेकित योजना बनानी चाहिए थी।  पहले सर्विस कोरिडोर का निर्माण किया जाना चाहिए था ,फिर अलग-अलग एजेंसी अपना पाइप उस कोरिडोर में स्थापित कर देती।  इससे आम जनता को एक बार परेशानी होती।

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मगर निर्वाचित जनप्रतिनिधि प्रायः चुप्पी साधे रहते हैं कभी कभार चुप्पी तोड़ते हैं।  बहुत देर से चुप्पी टूटी है इसका भी कारण जनता जानना चाहती है।

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