केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को विशेष निर्देश जारी करते हुए कहा, ब्लैक फंगस को महामारी कानून के तहत अधिसूचित करें
नई दिल्ली: अभी पूरी तरह देश कोरोना के महामारी पूरी तरह से कम भी नहीं हुआ की भारत में म्यूकर माइकोसिस (mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ा ही जारहा है. ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को विशेष निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी कानून के तहत अधिसूचित करें और सभी केस रिपोर्ट भी किए जाएं. इसका मतलब हैं ब्लैक फंगस के सभी संक्रमित और संदिग्ध मरीज, स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट किए जाए. ब्लैक फंगस के मामले ज्यादा तर कोरोना से ठीक हुए मरीजों पर देखे जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने राज्यों को पत्र जारी कर कहा है की सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ब्लैक फंगस के जाँच, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट के गाइडलाइंस का पालन करना होगा.
गौरतलब है कि अकेले महाराष्ट्र राज्य में ही अब तक ब्लैक फंगस के 1500 केस रिपोर्ट हो चुके हैं और 90 लोगों को जान गंवानी पड़ी है. राजस्थान और तेलंगाना पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर चुक हैं. तमिलनाडु में भी इस बीमारी के 9 केस रिपोर्ट हुए है, डॉक्टरों का कहना है कि माइकोसिस का असर चेहरे, नाक, आंखों और दिमाग पर हो सकता है. यह फेफड़ों में भी फैल सकता है. इसके आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा हो सकता है.
इससे पहले राजस्थान, तेलंगाना ने महामारी कानून के तहत ब्लैक फंगस को अधिसूच्य रोग घोषित कर दिया था. तेलंगाना सरकार ने कोरोना से उबरे मरीजों को निशाना बना रहे ब्लैक फंगस को महामारी रोग कानून 1897 के तहत एक अधिसूच्य रोग घोषित किया है. एक आधिकारिक अधिसूचना में गुरुवार को कहा गया कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्र दिशा निर्देशों का पालन करें.
दूसरी ओर राजस्थान सरकार ने राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 की धारा 3 की सहपठित धारा 4 के तहत ब्लैक फंगस को संपूर्ण राज्य में महामारी व अधिसूचनीय रोग अधिसूचित किया गया है. तमिलनाडु ने भी अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत इस बीमारी को अधिसूचित किया है. राज्य में अब तक 9 मामले पाए गए हैं. उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार एलएनजेपी, आरजीएसएसएच, जीटीबी अस्पताल में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए विशिष्ट केंद्र स्थापित करेगी.