टाटा स्टील ने मार्गदर्शी भूविज्ञानी प्रमथ नाथ बोस को उनकी 166वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

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जमशेदपुर :- टाटा स्टील ने बुधवार को प्रमुख भूवैज्ञानिक प्रमथ नाथ बोस (पी एन बोस के नाम से लोकप्रिय) को उनकी 166वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

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कोविड-19 महामारी के कारण सभी कार्यक्रम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित किए गए। दिन की शुरुआत सुबह श्रद्धांजलि अर्पण के साथ हुई, जिसमें टाटा स्टील के वरीय प्रबंधन और कर्मचारियों ने कंपनी के इंट्रानेट पर लॉग इन कर पी एन बोस को डिजिटल श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद “खनिज की खोज में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की भूमिका और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने में भागीदारी“ पर एक वेबिनार आयोजित किया गया। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के महानिदेशक श्री राजेंद्र सिंह गड़खल सत्र के अतिथि वक्ता थे। सत्र में श्री गड़खल ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और देश के खनिज व खनन क्षेत्र में इसकी उपलब्धियों के बारे में एक सिंहावलोकन प्रस्तुत किया, जिसने भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने खनिज अन्वेषण और खनन क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों व सुधारों और पांच से छह वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था प्राप्त करने का एक महत्वकांक्षी लक्ष्य भी बताया।

विद्यार्थी समुदाय के साथ जुड़ने को जमशेदपुर के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों और झारखंड व ओडिशा में टाटा स्टील के आउट लोकेशनों के लिए 6 मई, 2021 को “रॉक्स ऐंड मिनरल्स विद स्पेशल रेफरेंस टू द वन्स इन झारखंड ऐंड ओडिशा’’ पर एक ऑनलाइन इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। 24 स्कूलों के 1,400 विद्यार्थियों ने इस ऑनलाइन सत्र में हिस्सा लिया। आंतरिक कर्मचारियों के लिए पी एन बोस के जीवन और योगदान पर एक ई-एक्जीबिशन और एक क्विज भी आयोजित किया गया।

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डिजिटल श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्री डीबी सुंदर रामम, उपाध्यक्ष (रॉ मैटेरियल्स) ने अपनी टिप्पणी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने लिखा, “पी एन बोस की 166वीं जयंती पर उन्हें दी जा रही वर्चुअल श्रद्धांजलि का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस करते हैं, जो माइंस और मेटल के क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के एक वास्तुकार थे और उनकी दूरदर्शिता एवं खोजों ने भारत के पहले एकीकृत इस्पात संयंत्र को जन्म दिया।’’

टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार चौधरी ने भी पीएन बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की और अपना संदेश पोस्ट किया और लिखा, ‘‘एक प्रमुख भारतीय भूवैज्ञानिक पी एन बोस के नाम कई श्रेय हैं। उनकी सबसे उत्कृष्ट उपलब्धि मयूरभंज राज्य में गोरुमहिसानी की पहाड़ियों में लौह अयस्क भंडार की खोज थी। उन्होंने जे एन टाटा को एक पत्र के माध्यम से इन निष्कर्षों के बारे में बताया। इसी तरह से वे जमशेदपुर में टाटा स्टील प्लांट स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।’’

भूविज्ञानी प्रमथ नाथ बोस का जन्म 12 मई, 1855 को पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के गायपुर गांव में हुआ था। लंदन यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक बोस ने 1878 में रॉयल स्कूल ऑफ माइंस से कोर्स पूरा किया। भूविज्ञानी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश में धुल्ली और राजहारा में लौह अयस्क खदानों की खोज की। उनकी सर्वाधिक उल्लेखनीय उपलब्धि मयूरभंज में गोरुमहिसानी की पहाड़ियों में लौह अयस्क भंडार की खोज थी। इस खोज के बाद, बोस ने 24 फरवरी, 1904 को जे एन टाटा को एक पत्र लिखा, जिसके फलस्वरूप साकची में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी की स्थापना हुई।

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पी एन बोस के नाम कई और उपलब्धियां हैं। उन्होंने कई ऐसे कार्य किये पहले किसी भारतीय ने नहीं किया था,  जैसे – किसी ब्रिटिश यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक करने वाले वे पहले भारतीय थे; असम में सबसे पहले उन्होंने ही पेट्रोलियम की खोज की; भारत में उन्होंने साबुन का पहला कारखाना स्थापित किया और पेट्रोलॉजिकल कार्य में एक सहायक के रूप में उन्होंने सबसे पहले माइक्रो सेक्शंस लागू किये। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में एक वर्गीकृत पद पाने वाले पहले भारतीय थे। यहां उन्होंने विशिष्टता के साथ अपनी सेवाएं दी। एक वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने देश में तकनीकी शिक्षा को निरंतर आगे बढ़ाने का काम किया। उनके ही प्रयासों के फलस्वरूप बंगाल टेक्नीकल इंस्टीट्यूट की स्थापना हुई, जो आज जाधवपुर यूनिवर्सिटी के नाम से विश्वविख्यात है। बोस इस यूनिवर्सिटी के पहले ऑनेररी प्रिंसिपल थे।

 

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