बड़ी ख़बर, घर पर भी मास्क लगाना जरूरी है, अगर कोरोना संक्रमण की चेन तोडनी है तो : स्वास्थ्य मंत्रालय

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नई दिल्ली, (एजेंसी):  सरकार ने कहा है कि अब घर के अंदर भी संक्रमण के लक्षणों के मद्देनजर मास्क लगाना जरूरी हो गया है. इससे कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में मदद मिलेगी. देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की निगरानी पर फोकस की जरूरत है. मंत्रालय ने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे कोविड प्रोटोकॉल का 100 फीसद पालन करें और मास्क लगाएं. क्योंकि इस समय देश में 82 फीसदी लोग कोरोना से उबर चुके हैं और करीब 16.25 फीसदी मामले मामले यानी कि 28,13,658 मामले अभी भी सक्रिय मामलों की श्रेणी में है, जिसकी निगरानी की जा रही है

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कोरोना संक्रमण को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना सबसे जरूरी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में अबतक 14.19 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 12 राज्यों में 80 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. राजस्थान, छत्तीसगढ़, लद्दाख में 60 साल से ऊपर के लोगों के स्वास्थ्य का प्रदर्शन काफी अच्छा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि हमें कोरोना संक्रमण की चेन तोड़नी होगी और क्लीनिकल मैनेजमेंट पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय के तरफ से एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया, ने कहा कि रेमडेसिविर को लेकर भय का माहौल नहीं होना चाहिए. ऐसा नहीं है कि जिसे रेमडेसिविर नहीं मिलेगा उसकी जान चली जाएगी. हमें वायरस के प्रसार पर पहले नियंत्रण पाना है. पाजिटिव आता है लोग पैनिक हो जाता है कि कहीं मुझे बाद में ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत न पड़े इसलिए मैं अभी भर्ती हो जाता हूं. इससे अस्पतालों के बाहर बहुत भीड़ हो जाती है और वास्तविक मरीज़ों को इलाज नहीं मिल पाता है. इस पैनिक के कारण लोग घर पर दवाईयां स्टोर करने लगते हैं और इससे बाज़ार में जरूरी दवाईयों की बेवजह कमी हो रही ही और उसकी कीमत भी बढती जारही है. कई लोग सोचते हैं कि कोरोना है तो मैं पहले दिन ही सारी दवाई शुरू कर लेता हूं, इससे साइड इफैक्ट ज़्यादा होते हैं इस लिया ध्यान एवं सही सलाह लेने की जरूरत है.

गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन ज्यादा बढ़ा है. हमारी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 7259 टन है और 24 अप्रैल को 9103 टन ऑक्सीजन का उत्पादन हुआ है.

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