AGR मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका, वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें बढ़ीं, शेयरों में बड़ी गिरावट



जमशेदपुर : वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) की वित्तीय मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया को लेकर कंपनी द्वारा दायर राहत याचिका को खारिज कर दिया है। कंपनी के साथ भारती एयरटेल और टाटा समूह की याचिकाएं भी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दीं, जिनमें बकाया राशि पर लगने वाले ब्याज और जुर्माने को माफ करने की मांग की गई थी।


सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पहले से ही भारी कर्ज में डूबी कंपनी को अब 45,457 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। कंपनी ने कोर्ट में यह भी स्पष्ट किया था कि यदि सरकार से समर्थन नहीं मिला तो उसका व्यवसायिक संचालन जारी रखना बेहद कठिन हो जाएगा, जिससे 20 करोड़ उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा में भारी कमी आ सकती है।
विशेष बात यह है कि कंपनी की 49% हिस्सेदारी सरकार के पास है, इसके बावजूद उसे राहत नहीं मिल पाई है। दूरसंचार क्षेत्र में एजीआर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है, जिसे 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने और जटिल बना दिया। वोडाफोन आइडिया और एयरटेल जैसे निजी ऑपरेटरों पर इसका भारी वित्तीय असर पड़ा है, जबकि जियो और बीएसएनएल इस संकट से अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं।
शेयर बाजार में झटका
AGR पर राहत न मिलने के कारण सोमवार को वोडाफोन आइडिया के शेयरों में लगभग 9% की गिरावट दर्ज की गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर कंपनी के शेयर 8.68% की गिरावट के साथ 6.73 रुपये पर बंद हुए, जबकि दिन में यह 6.47 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गए, जो 12.21% की गिरावट को दर्शाता है।
समाधान की जरूरत
दूरसंचार क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि इस संकट से बाहर निकलने के लिए सरकार और संबंधित विभागों को जल्द ठोस कदम उठाने होंगे। यदि समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए बल्कि देश की दूरसंचार प्रणाली के लिए भी गहरा संकट बन सकता है।
