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बहरागोड़ा:- पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दिनेश कुमार षड़ंगी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि हमारा पड़ोसी देश म्यांमार बर्मा चार लोकतंत्र समर्थक नेताओं की अमानवीय ढंग से यातना देने के साथ-साथ फांसी पर चढ़ाने का जो कुकर्म किया है  वह अत्यंत निंदनीय भत्सना करने लायक है.  दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और और अपने को सर्वश्रेष्ठ गणतंत्र करने वाले अमेरिका में इसके खिलाफ जिस तरह का प्रतिवाद होना चाहिए था वह नहीं हुआ.  सरकार तथाकथित मोदी दल के प्रगतिशील नेताओं के की चुप्पी समय से परे हैं और अत्यंत दुर्भाग्य जनक है.  आज अगर लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉक्टर लोहिया, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मधु लिमाया, जॉर्ज फर्नांडिस, रवि राय ,पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी बाजापैयी, जोयतिर्मय बसु जैसे नेता होते तो इस देश को संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद् की चुप्पी से लगता है की इसका हाल भी लीग ऑफ लेसन जैसा होगा.
उन्होंने सभी लोकतंत्र समर्थक और मानव अधिकार के प्रति समर्पित व्यक्ति और संगठनों से जिसके खिलाफ जोरदार आवाज बुलंद करने की अपील की है साथ-साथ सभी लोकतंत्र समर्थक राष्ट्रों को इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव एवं आरती प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

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