आपका बचत खाता बना खपत खाता, अलग-अलग सर्विसेज के नाम पर बैंक पैसे वसूलने का काम कर रही

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नई दिल्ली (एजेंशी): आपका बचत  खाता अब खपत खाता बन गया है. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक के खाता धारकों के लिए बुरी खबर है. ये दोनों ही बैंक अपने खाताधारकों से मोटी रकम वसूल रहे हैं. ये बैंक अलग-अलग चीजों और सर्विसेज के नाम पर आपके ही पैसे आपसे वसूले जा रहे हैं. इन दोनों बैंक के अलावा भी कई बैंक अपने खाताधारकों से कई तरह के चार्ज वसूल का काम कर रहे हैं. आप के जीरो बैलेंस अकाउंट और बेसिक सेविंग अकाउंट पर यह रकम को वसूली करने का काम चल रहा है.

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आईआईटी बॉम्बे की एक रिसर्च के आधार पर न्यूज एजेंसी को बताया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में सेविंग अकाउंट के खाताधारकों को महीने में चौथे ट्रांजैक्शन के बाद हर लेन-देन के लिए 17.70 रुपए लिए जा रहा हैं. यह फीस भी खाताधारकों पर बहुत भारी पड़ती है और इसे कहीं से उचित नहीं कहा जा सकता. रिसर्च में यह भी बताया गया कि ये सेवा शुल्क 2015-20 की अवधि के दौरान स्टेट बैंक ने लगभग 12 करोड़ बेसिक सेविंग, बैंक डिपॉजिट, अकाउंट धारकों लगभग 300 करोड़ रुपये से भी अधिक अनुपात में अनुचित तरीके से रकम वसूल का काम किया गया है. इसी दौरान पंजाब नेशनल बैंक ने 3.9 करोड़ खाताधारकों से 9.9 करोड़ रुपए रकम कि वसूली की है.

रिपोर्ट में कहा गया है की कुछ बैंक सेविंग अकाउंट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों की धड़ल्ले से अवमानना कर रहे हैं. खासकर स्टेट बैंक ने अपने सभी खाता धारकों के एक महीने में 4 से ज्यादा लेन-देन होने पर हर ट्रांजैक्शन के लिए 17.70 रुपए चार्ज करता है. इसमें डिजिटल पेमेंट भी शामिल हैं. साल 2018 से 2019 के बीच 72 करोड़ और साल 2019 से 2020 के बीच 158 करोड़ रुपए बैंक ने को मिले हैं.

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 2013 में जारी हुई गाइडलाइन के मुताबिक सेविंग अकाउंट के खाताधारकों को एक महीने में चार से ज्यादा लेन-देन करने की छूट है. इसके लिए बैंक अपने नियम बना सकता है पर पैसे नहीं ले सकता. इसके अलावा बैंक अपनी मर्जी से खाताधारकों को अन्य सेवाएं भी दे सकता है, लेकिन इनके लिए भी कोई फीस नहीं लिया जा सकता. रिजर्व बैंक एक महीने के अंदर चार से ज्यादा लेन-देन होने पर उन्हें वैल्यू ऐडेड सेवा के रूप में देखता है. परन्तु इन बैकों ने अपने मन-मर्जी से खाता धारोको को बताये बिना बचत खाता को खपत खाता बना दिया है. जिसपर ध्यान देना अति आवश्यक है.

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