रेल डीआरएम के आगमन पर क्यों सख्ते में आ जाते हैं रेल अधिकारी

0
Advertisements

जमशेदपुर : रेल मंडल के डीआरएम का आगमन जब भी रेल मंडल के स्टेशनों पर होता है तब संबंधित रेल अधिकारी सख्ते में आ जाते हैं. वे स्टेशन की सभी व्यवस्थाओं को अप-टू-डेट करने में जुट जाते हैं. आखिर ऐसा क्यों होता है. इस बात की चर्चा तब होती है जब डीआरएम का आगमन होता है. पत्रकार भी यही सवाल करते हैं कि आखिर डीआरएम के आगमन पर ही रेल अधिकारी क्यों सक्रिय होते हैं. अगर पहले से ही वे सक्रिय होते तब उनके आगमन पर उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होती. वे आम दिनों की तरह ही अपने काम में लगे रहते.

Advertisements

रेल जीएम के आगमन पर डीआरएम रहते हैं सख्ते में

जब कभी रेल जीएम का आगमन जोन के किसी रेलवे स्टेशन पर होता है जब स्टेशन के अधिकारी सख्ते में नहीं रहते हैं बल्कि रेल मंडल के डीआरएम ही सख्ते में आ जाते हैं. वे कुछ दिनों पहले से ही संबंधित स्टेशन पर पहुंचकर यात्री सुविधाओं का जायजा लेते हैं और जहां कमी नजर आती है है उसे अप-टू-डेट करने में जुटे रहते हैं.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के आगमन पर जीएम आते हैं सख्ते में

जब कभी किसी बड़ी योजनाओं को स्वीकृत करने की बात आती है तब रेलवे बोर्ड के चेयरमैन या वाइस चेयरमैन का जब भी स्टेशनों पर आगमन होता है तब खासकर जोन के रेल जीएम सख्ते में आ जाते हैं. तब जोन के सभी डीआरएम संबंधित स्टेशन पर मौजूद रहते हैं और मिल-जुलकर लंबित कार्यों को पूरा कराने में जुट जाते हैं.

See also  मानगो में महुआ शराब के साथ एक को दबोचा

रेल जीएम का क्या होता है तर्क

इस तरह के मामले में रेल जीएम का तर्क होता है कि वार्षिक इंसपेक्शन के क्रम में उन्हें रेल मंडल के सभी स्टेशनों पर जाना पड़ता है. वार्षिक इंसपेक्शन के बहाने ही सालभर के लंबित कार्यों को पूरा कर लिया जाता है. ऐसा रेलवे बोर्ड से ही आदेश है. इस दौरान रंग-रोगन से लेकर अन्य कार्यों को पूरा करने का काम किया जाता है.

Thanks for your Feedback!

You may have missed