सरकारी अधिकारी बनकर आपराधिक घटनाओं को देता था अंजाम, पिस्तौल व अन्य सामान बरामद

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जमशेदपुर (संवाददाता ):- सिदगोड़ा ने राजकुमार नामक एक ऐसे शख्स को एक सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया है, जो खुद को डीएसपी, इंस्पेक्टर या कोई और सरकारी अधिकारी बताकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देता था. पुलिस ने उसके पास एक अवैध देशी पिस्टल के अलावा कुछ सरकारी मोहर एवं स्टांप, एक 12 वोल्ट का बैटरी, एक 12 वोल्ट का डीसी कन्वर्टर, एक मोबाइल सिग्नल जैमर, लोहे का सब्बल, पेंचकस एवं पिलास, दो कीपैड मोबाइल और एक पैशन प्रो बाइक संख्या-जेएच01बीजे-5849 बरामद किया है. पुलिस के हत्थे चढ़ा राजकुमार मूलरूप से बिहार के पटना जिले खांजेकला थानाक्षेत्र का रहनेवाला है. वर्तमान में वह उलीडीह थाना क्षेत्र के डिमना रोड स्थित राजीव पथ में किराये के एक मकान में रह रहा था. उसके सहयोगी का नाम मो. मुस्तकीम है. वह झारखंड के लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के ओलेपाट का रहनेवाला है. उसके खिलाफ बड़कागांव रेल थाना में एक आपराधिक मामला पूर्व में दर्ज है.
ऐसे हुई गिरफ्तारी
सिदगोड़ा पुलिस को आधी रात सूचना मिली कि न्यू बारीडीह पार्क के पिछले गेट के पास कुछ गाडियां एवं कुछ लोगों को संदिग्ध हालत में देखा गया है. उसके बाद वरीय पदाधिकारी को सूचित कर त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को भेजा गया. वहां दो पिकअप वैन एक काले रंग की स्कार्पियो, एक टेंपो और एक मोटरसाइकिल खड़ी थी. साथ ही कुछ संदिग्ध लोग गाड़ी के भीतर और गाड़ी के बाहर खड़े होकर बातचीत कर रहे थे. पुलिस को देखते ही सभी वहां से भागने लगे. इसी दौरान पुलिस की टीम ने स्थानीय लोगों के सहयोग से दो लोगों को खदेड़कर न्यू बारीडीह पार्क के पिछले गेट के पास मोटरसाईकिल के साथ पकड़ा गया, जबक‍ि अन्य लोग पिकअप वैन, स्कॉर्पियो और टेंपो में सवार होकर भागने में सफल रहे. जब पकड़े गये लोगों का बारी-बारी से नाम-पता पूछा जाने लगा तो दोनों ने अपना-अपना नाम बदलकर पुलिस को बताया.
रुपये और जेवरात की लूट की थी योजना
हालांकि कड़ाई से पूछने पर एक ने अपना नाम राजकुमार और दूसरे ने अपना नाम मो० मुस्तकीम बताया. उनसे पूछताछ में और तलाशी के बाद पूरा मामला साफ हो गया. पुलिस को पूछताछ में यह भी पता चला कि दोनों ने अपने अन्य करीब 13 साथियों के साथ ट्यूब बारीडीह के पीछे एक गोदाम में रुपये और सोने-चांदी की लूट की योजना बनायी थी. हालांकि पुलिस की तत्परता से वह योजना फिलहाल विफल हो गई. आगे पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है.

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