कोटा से लौटी बेटी को मोटिवेट करने के लिए पिता ने भी की NEET की तैयारी, पिता से आगे निकली बेटी, गिनीज बुक में दर्ज है मेताली के पिता का नाम

0
Advertisements

लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क/ NEET Success Story: पेरेंट्स अपने बच्चों को कामयाब बनाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में एक पिता ने बेटी के लिए खुद मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यानी नीट (NEET) की परीक्षा दी और उसे क्लियर किया है. बेटी को मोटिवेट करने के लिए पिता की यह तरकीब बाकी पेरेंट्स के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है. पिता दिनभर अपने काम में व्यस्त रहते और रात में बेटी के साथ मिलकर तैयारी करते थे. नीट यूजी 2023 परीक्षा में डॉक्टर प्रकाश खेतान (49 वर्षीय) और उनकी बेटी मेताली खेतान (19 वर्षीय) दोनों ने परीक्षा पास की. हालांकि नीट स्कोर के मामले में बेटी ने पिता को पीछे छोड़ा दिया है.

Advertisements

दरअसल, मिताली के पिता प्रकाश खेतान पेशे से एक डॉक्टर हैं. उन्होंने 1992 में सीपीएमटी की परीक्षा पास  करके मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई की थी, उसके बाद 1999 में लखनऊ से एमएस सर्जरी और 2003 में एमसीएच न्यूरो सर्जरी की पढ़ाई पूरी की. लेकिन बेटी को मोटिवेट करने के लिए फिर से किताबें उठाईं और मिलकर तैयारी की.

डॉ. प्रकाश खेतान बताते हैं कि बेटी को नीट की तैयारी कराने के लिए राजस्थान के कोटा भेजा था लेकिन वहां के मौहाल में वह सहज नहीं थी. कुछ समय बाद ही वो वापस घर लौट आई. बता दें कि राजस्थान के कोटा को ‘कोचिंग हब’ कहा जाता है. हर साल लाखों छात्र दूर-दराज क्षेत्रों से बेहतर करियर के सपने संजोए कोटा पहुंचते हैं. अकसर कोटा पहुंचने वाले नए छात्र वहां के कॉम्पिटिशन एग्जाम क्रैक करने की होड़ को देखकर घबरा जाते हैं, जिसे डिप्रेशन और सुसाइड की एक बड़ी वजह भी माना जा रहा है.  बता दें कि कोटा में इस साल सितंबर 2023 तक 27 छात्रों ने सुसाइड कर लिया है. खबरों की माने तो कोटा का मौहाल छात्रों डराता है. हालांकि प्रशासन इसे लेकर कई कदम उठा रहा है. कोचिंग इंस्टीट्यूट्स, हॉस्टल वार्डन, मैसस्टाफ आदि को छात्रों का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं. छात्रों की मदद के लिए कोटा में पुलिस की स्टूडेंट सेल बनाई गई है.

See also  राजनीति विज्ञान परीक्षा: अच्छे अंक पाने के लिए एबीएम कॉलेज के प्राध्यापक नवनीत कुमार सिंह के सुझाव

डॉ प्रकाश खेतान ने अपनी बेटी को प्रेरित करने के लिए  मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की थी. दोनों को 2023 नीट यूजी के लिए अलग-अलग एग्जाम सेंटर मिले थे. पिता को शिवकुटी और बेटी ने झूंसी केंद्र में परीक्षा दी. जून महीने में जब इसका रिजल्ट आया तो चौकाने वाले रिजल्ट आए. बेटी मिताली को 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिले जबकि डॉक्टर खेतान को 89 नंबर मिले. काउंसलिंग के बाद बेटी मिताली को कर्नाटक के नामी कॉलेज कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश मिल गया.

गिनीज बुक में दर्ज है मेताली के पिता का नाम

आपको बता दें की डॉक्टर प्रकाश खेतान ने तमाम ऐसे ऑपरेशन किये जो काफी कठिन थे. उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है क्योंकि उन्होंने 13 अप्रैल 2011 को 18 साल की लड़की के दिमाग से 8 घंटे की सर्जरी करके 296 सिस्ट निकाले थे.

Thanks for your Feedback!

You may have missed