बिहार / पटना :- लगातार किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहने वाले आइपीएस विकास वैभव इस बार अपनी सरकारी पिस्टल को लेकर सुर्खियों में हैं। ज्ञात हो कि मिली जानकारी के अनुसार उनके आवास से उनकी सरकारी पिस्टल चोरी हो गयी है। एनआईए में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने के बाद बिहार में जब उन्होंने योगदान दिया बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा उन्हें साल 2015 में आत्मरक्षा के लिए 9 एम का ग्लॉक पिस्टल आवंटित किया गया था। आत्मरक्षा के मकसद से वो हर रोज अपने साथ ही पिस्टल रखते थे और कार्यालय लेकर भी आते थे और रात में अपने शयन कक्ष के बगल में रखे साइड टेबल पर जो दराज था उसी में रख देते थे। 24 नवंबर को जब आईजी ऑफिस जाते समय पिस्टल लेने गए तो सरकारी पिस्टल गायब पाया। काले रंग के हॉलस्टर में 13 और 12 कुल 25 9mm की गोली पिस्टल में लोडेड थी। काफी खोजबीन करने के बाद विकास वैभव ने अपने परिजनों से भी पूछा लेकिन कोई कुछ बता नहीं पाया। पत्नी द्वारा पूछने पर उन्होंने बताया कि सूरज कुमार जो उनके आवास पर साफ-सफाई के काम के लिए आता है बाहरी व्यक्तियों में वही एकमात्र शख्स है जो घर में साफ सफाई के लिए घुसा करता था। इस मामले में आवास पर काम करने वाले एक होमगार्ड के बेटे को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। बता दें कि आईपीएस विकास वैभव कभी अपनी पुलिसिंग तो कभी बिहार को आगे बढ़ाने के लिए अपने द्वारा किये जा रहे प्रयासों को लेकर सुर्खियों में रहते है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गर्दनीबाग थाने में शिकायत दर्ज कराई गयी है। वहीं शक के आधार पर एक चौकीदार के बेटे को गर्दनीबाग थाने की पुलिस ने हिरासत में लिया है। आईजी विकास वैभव के आवास पर एक चौकीदार की ड्यूटी रहती थी। उसकी तबीयत खराब होने की वजह से उसका बेटा आकर साफ-सफाई का काम कर रहा था। विकास वैभव को जब उस लड़के पर शक हुआ तो उससे पूछताछ की। इस दौरान उसकी भूमिका संदिग्ध लगी, तो हिरासत में लिया गया है। हालांकि पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा।
जानें 9 एमएम की ग्लॉक पिस्टल की खासियत
विकास वैभव को पुलिस मुख्यालय की तरफ से 9 MM की ग्लॉक पिस्टल आवंटित की गयी थी। जिसकी छानबीन पुलिस कर रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। इस पिस्टल को ऑस्ट्रियन कंपनी ग्लॉक द्वारा तैयार किया जाता है। इसे बेहद भरोसेमंद हथियार माना जाता है। भारत में स्पेशल फोर्सेस, पैरा कमांडो, IPS, एनएसजी वगैरह को यह हथियार उपयोग के लिए दिया जाता है। इसमें 6 से लेकर 33 राउंड तक मैगजीन का उपयोग हो सकता है। भारत में इस हथियार में 17 राउंड वाली मैगजीन का उपयोग किया जाता है। यानी इसके मैगजीन में एक साथ 17 गोलियां आती हैं। इसकी गोली 1230 फीट प्रति सेकेंड की स्पीड से चलकर शिकार बनाती है। इसकी रेंज भी 50 मीटर है। इसमें 9mm की कोई भी गोली लग जाती है। पॉलीमर से बनी यह पिस्टल बेहद हल्की होती है और गर्म वातावरण में भी आसानी से इसे हैंडल किया जा सकता है। यह एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल है।