प्रबंधन ने एक को किया ब्लैक, लिर-टेड रिम्स में आउटसोर्स एजेंसी के चयन से पहले होगी पड़ताल।
रांची:-रांची रिम्स प्रबंधन अब आउटसोर्स एजेंसी को रखने से पहले उस एजेंसी की पूरी प्रोफाइल की पड़ताल करेगी। पहले की संस्था से लिया जाएगा एजेंसी के काम का ब्यौराअभी तक पिछली संस्था से एजेंसी की नहीं ली जाती थी कोई जानकारी। रिम्स में लगातार आउटसोर्स कंपनियां रिम्स में मैनपाउर उपलब्ध तो कराती है लेकिन बहाल किए गए कर्मियों को वेतन देने में आनाकानी करती है। इसी कड़ी में कोरोना काल में चुनी गई टीएंडएम को अब ब्लैक लिस्ट करने का निर्देश दिया गया है। रिम्स निदेशक कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि कंपनी ने तय तिथि के बाद भी 850 कर्मियों को भुगतान नहीं किया है।
जिसके बाद इस कंपनी को ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा और जो भी बकाया पैसा इन कर्मियों का है उन्हें रिम्स प्रबंधन अपनी ओर से देगा। उन्होंने बताया कि ये सभी कर्मी कोरोना काल में अपनी जान पर खेल कर मरीजों की सेवा की है। डाक्टरों की मदद की है, इन्हें मानदेय से जरूरी इनका सम्मान देने की जरूरत है। इन सभी कर्मियों को अगर एजेंसी कोई भुगतान नहीं करती है तो प्रबंधन अपनी ओर से इनका बकाया देगा। लेकिन अब जो भी आउटसोर्स एजेंसी आएगी उसके चयन से पहले कई चीजों को बारीकी से टटोला जाएगा। मालूम हो कि 20 अगस्त को सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को वेतन भुगतान का आदेश दिया था। लेकिन तय तिथि के पांच दिन बाद भी टीएंडएम कंपनी ने अपने कर्मियों को कोई भुगतान नहीं किया।
मुख्यमंत्री से दो बार कर चुके हैं शिकायत
इन कर्मियों ने अभी तक दो बार मुख्यमंत्री से शिकायत की है। पिछली बार उन्हें लिखित आश्वासन भी मिला था, जिसके बााद एजेंसी ने 20 अगस्त तक भुगतान करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद इन लोगों ने बुधवार को भी सीएम आवास पहुंचे लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया, हालांकि इन सभी की बात मुख्यमंत्री तक पहुंची, जिसके बाद इन सभी को पुलिस की मदद से रिम्स निदेशक के पास ले जाया गया। जहां निदेशक ने इन्हें बकाए रकम को देने का आश्वासन दिया है।
मालूम हो कि कोरोना काल में रिम्स में एनआरएचएम के सौजन्य से टीएंडएम सर्विसेज कंसल्टिंग लिमिटेड ने आउटसोर्सिंग पर मैन पावर की सप्लाई की थी। विभिन्न चरणों में करीब 850 लोगों को विभिन्न कार्यों के लिए चयन किया गया। इनमें एएनम-जीएनएम नर्स, वेंटिलेटर टेक्नीशियन, लैब टेक्निशियन, मल्टी पर्पस वर्कर, ट्रॉली मैन, गार्ड और सुपरवाइजर की नियुक्ति हुई थी। चयनित लोगों को कार्य आदेश के आलोक में तीन महीने तक कोरोना मरीजों के इलाज और सेवा में रिम्स के मल्टी स्टोरी पार्किंग(अस्थायी कोविड हॉस्पिटल) के अलावे विभिन्न जगहों पर ड्यूटी करवायी गयी। काम खत्म होने के बाद अब वेतन भुगतान के लिए इन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है।