उपायुक्त ने ‘परीक्षा पर चर्चा’ में बढ़ाया बोर्ड परिक्षार्थियों का हौसला, सफलता के दिए टिप्स, परीक्षा को लेकर दी शुभकामनायें, कहा- आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूं।
जमशेदपुर : 14 मार्च से झारखंड एकेडमिक काउंसिल की 10वीं और 12वीं की परीक्षा शुरू हो रही है । इस वर्ष पूर्वी सिंहभूम जिला से 10वीं में 26237 वहीं 12वीं में 24702 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों का मनोबल कैसा हो, उत्तर कैसे लिखें, निर्धारित समय में सभी प्रश्नों का उत्तर लिखना या पूरे परीक्षा के दौरान धैर्य बनाये रखने तथा माता-पिता को भी किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसको लेकर ‘परीक्षा पर चर्चा’ में उपायुक्त ने परीक्षार्थियों को महत्वपूर्ण टिप्स दिए । विद्यार्थियों के साथ संवाद में उपायुक्त ने अपने विद्यार्थी जीवन की बातों को भी साझा किया तथा सफलता पाने के मूलमंत्र बताते हुए कहा कि तैयारी बढ़िया हो तो परीक्षा में बैठना और बेहतर करना कोई चुनौती नहीं है ।
जितना सकारात्मक रहेंगे परिणाम उतना बेहतर होगा
किसी भी विद्यार्थी के जीवन में बोर्ड परीक्षा एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है, यह परीक्षा आपके भविष्य की दिशा तय करते हैं । बोर्ड परीक्षा को लेकर बच्चों के साथ साथ माता-पिता, शिक्षक भी काफी गंभीर होते हैं । बच्चों से कहना चाहती हूं कि परीक्षा से घबरायें नहीं बल्कि कई परीक्षायें आपके समक्ष जीवन में आने वाली है ऐसे में जरूरी है कि आप आत्मसंयमित रहें, धैर्य रखें, परफॉर्मेंस प्रेशर में नहीं आएं । दूसरों की नकारात्मक बातों या प्रेशर बनाने वाली बातों से दूर रहें । विद्यार्थी का लक्ष्य यही हो कि मैने साल भर पूरी इमानदारी से मेहनत किये हैं, प्रयत्न किए हैं तो परिणाम भी बेहतर मिलेगा ।
समय का ध्यान रखें, जो पूछा गया वही लिखें
उपायुक्त ने परीक्षा कक्ष में बच्चों को क्या क्या ध्यान रखना चाहिए इसपर कहा कि सबसे पहले सवाल को अच्छे से पढ़ें। हैंडराइटिंग आपके व्यतित्व को बताता है, अच्छे हैंडराइटिंग में लिखें क्योंकि आपकी कॉपी दूसरे जिला के शिक्षक जांचेंगे, उन्हें साफ साफ आपका लिखा हुआ पता चले ताकि नंबर भी आपके अच्छे आएं।
उपायुक्त ने कहा कि प्रैक्टिस परीक्षा जो जिला में लिया गया था उसका उद्देश्य से ही यही था कि बच्चे परीक्षा के माहौल में पहले से ढाल लें कि किस तरह से समयसीमा के भीतर सही-सही जवाब लिखना है । परीक्षा केन्द्र में समय का ध्यान रखना काफी जरूरी है। जिन सवालों का जवाब पहले आता हो उसे पहले बनायें, प्रयास करें कि सारे सवालों को एक जैसा समय दें, जो पूछा गया है वही लिखना है । उदाहरण के साथ या चित्र, टेबल, डायग्राम बनाकर जवाब लिखना चाहें तो जरूर लिखें ।
कई बार परीक्षार्थी किसी विषय का परीक्षा सही नहीं गया हो तो उसकी चर्चा करते हैं, इसकी उदासीनता अगले विषय की परीक्षा में झलकती है, ऐसी गलती नहीं करें। जो बीत गया उससे आगे बढ़ते हुए सिर्फ अगले विषय पर ध्यान देना है तथा यही मानसिकता एकदम अंतिम परीक्षा तक बनाये रखना है।
बच्चों के उचित खानपान एवं भरपूर नींद का रखें ध्यान
माता पिता के लिए भी यह चुनौती वाला समय होता है । जो पेपर लिखकर बच्चा आ गया उसका ज्यादा एनालिसिस नहीं करें, दूसरे की तैयारी में लगायें। बच्चे का हौसला बढ़ाते रहें । खानपान पर ध्यान दें, गर्मी का मौसम शुरू हो गया है तो शरीर को हाईड्रेट रखें । बिना खाना खाये परीक्षा केन्द्र नहीं भेजें। बच्चा अच्छे से खाना खाये, पूरी नींद ले इसपर विशेष ध्यान रखें ।
‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में पढने वाले करीब 14 हजार बच्चे ऑनलाइन जुड़े। जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया, जिला शिक्षा अधीक्षक सुश्री निशु कुमारी, एसडीओ(शिक्षा) आशीष पांडेय ने भी परीक्षार्थियों का मार्गदर्शन किया ।